न्यूज डेस्क (राम अजोर): मौजूदा हालातों में भारत में G20 शिखर सम्मेलन हो रहा है, यहाँ आपके लिये बेहद आसान सवाल है – क्या आप जानते हैं कि इस साल के G-20 शिखर सम्मेलन के लिये बनाये गये लोगो का विषय क्या है? भारत में हो रहे इस सम्मेलन की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है। यानि हमारे लिए पूरी धरती परिवार की तरह है। ये श्लोक महा उपनिषद से लिया गया है और सदियों पुराने इस सिद्धांत का आज भी हमारी विदेश नीति पर गहरा असर है।
इसीलिये जब भारत को इस साल G20 के आयोजन की जिम्मेदारी मिली तो वसुधैव कुटुम्बकम को इसकी थीम बनाया गया। हमारे देश ने हमेशा पूरी धरती को अपना परिवार माना है और इसीलिये पूरी दुनिया भी भारत के सुख-दुख में शामिल होती है। वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत का ही नतीज़ा है कि आज अमेरिका (America) जैसे ताकतवर मुल्क से लेकर पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) जैसे छोटे देश भी भारत को सम्मान की दृष्टि से ही नहीं देखते बल्कि भारत की हर कामयाबी का भी जश्न मनाते हैं।
हालाँकि भारत की G20 शिखर बैठक से ऐसे तीन उदाहरण हैं जिन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और पूरे देश को गर्व से भर दिया, ये देखते हुए कि सम्मान और मान्यता भारत पर पहले कभी ऐसे नहीं बरसी।
पिछले हफ्ते जापान में हुई G7 कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और जापान (Canada and Japan) समेत दुनिया के ताकतवर मुल्कों के नेता मौजूद थे, जहां पीएम मोदी भारत की अगुवाई कर रहे थे। पीएम मोदी से मिलने के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) अपनी कुर्सी से उठे और उनके पास चल पहुँचे, हालांकि पीएम मोदी को ये नहीं पता था कि बाइडेन ठीक उनके बगल में खड़े हैं।
ये नज़ारा अपने आप में काफी खास मायने रखता है, जब दुनिया के सबसे ताकतवर नेता पीएम मोदी का अभिवादन करने के लिये अपनी जगह से खड़े हुए। बता दे कि बाइडेन आज तक किसी अन्य विश्व नेता के लिये ऐसा नहीं किया।
जापान से रवाना होने के बाद पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। खुद प्रधानमंत्री जेम्स माराप (Prime Minister James Marap) राजधानी पोर्ट मोरेस्बी (Port Moresby) में पीएम मोदी की अगवानी के लिये खड़े थे, जैसे ही पीएम मोदी फ्लाइट से उतरे जेम्स माराप ने झुककर पीएम मोदी के पैर छू लिये।
दरअसल पापुआ न्यू गिनी में एक परंपरा है कि सूरज डूबने के बाद किसी भी विदेशी मेहमान का राजकीय सम्मान के साथ स्वागत नहीं किया जाता और जब तक पीएम मोदी वहां पहुंचे, तब तक अंधेरा हो चुका था, लेकिन उनके स्वागत के लिये पापुआ न्यू गिनी की सरकार ने अपनी पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया।
एक ऐतिहासिक घटना में G20 शिखर सम्मेलन का कार्यक्रम भी जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आयोजित किया गया, इस इलाके पर दशकों तक चले भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का लंबा असर रहा है। टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की ये बैठक 24 मई तक चलेगी। इस तीन दिवसीय बैठक में बांग्लादेश, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई (Spain and UAE) जैसे देश भी हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र, आईएमएफ, विश्व बैंक, डब्ल्यूएचओ और डब्ल्यूटीओ के प्रतिनिधि भी श्रीनगर पहुंच चुके हैं। ऐसे में कश्मीर में लंबे अंतराल के बाद किसी बड़े कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों का आना हुआ है।
माना जा रहा है कि इस बैठक से न सिर्फ जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को खासा नफा होगा बल्कि हथकरघा उद्योग, पश्मीना शॉल और सूखे मेवों के कारोबार को भी नई ऊंचाई मिलेगी, जिससे वहां रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे और इसीलिए कश्मीर के लोग खासकर वहां के युवा इस G20 समिट को लेकर काफी उत्साहित हैं।