न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): दिल्ली बार काउंसिल (Bar Council of Delhi) ने ज़बरन धर्मांतरण कर निकाह कराने वाले वकील इकबाल मलिक पर सख़्त रवैया अख़्तियार किया है। दिल्ली बार काउंसिल को सोहन तोमर से लिखित शिकायत हासिल हुई थी कि, एडवोकेट इकबाल मलिक कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में बने चैंबर संख्या एफ-322 का गलत इस्तेमाल कर रहे है। जहां से वो ज़बरन धर्मांतरण कर निकाह कराने की कवायदों को अंज़ाम दे रहे है।
इसी कवायद के तहत सोहन तोमर की बेटी को ज़बरन इस्लाम कबूल करने पर मज़बूर किया गया और बीते 3 जून को निकाहनामा 06/2021 के तहत निकाह करवा दिया गया। निकाहनामें में एफ-322 थर्ड फ्लोर मज़रवाली मस्जिद का पता दिया गया था। ये पता एडवोकेट इकबाल मलिक के चैंबर का था। जांच पड़ताल में सामने आया कि काज़ी मोहम्मद अकबर देहलवी एडवोकेट इकबाल मलिक की मदद से कड़कड़डूमा कोर्ट के एफ-73 चैंबर से धर्मांतरण करने वाला ट्रस्ट चला रहे थे। ट्रस्ट का नाम अल-निकाह (पंजीकरण संख्या- 668/2020) था।
साथ ही ये भी सामने आया कि चैंबर की अंदरूनी बनावट मस्जिदनुमा थी। मामला सामने आने पर दिल्ली बार काउंसिल के मानद सचिव पीयूष गुप्ता ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और आरोपी वकील के कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए दिल्ली बार काउंसिल सदस्यता और एनरोलमेंट नंबर रद्द (Council membership and enrollment number cancelled) करने के लिये फरमान जारी कर दिया। मानद सचिव पीयूष गुप्ता ने माना कि ये आरोप वकील का रवैया वकील के मानक पेशेवर मानदंड़ों के बिल्कुल विपरीत है। इसलिये एडवोकेट इकबाल मलिक का एनरोलमेंट (डी/759/2020) क्यों ना रद्द कर दिया जाये।
दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) ने जांच में चैंबर संख्या एफ-322 और एफ-73 में चल रहे धर्मांतरण और ज़बरन निकाह की बात से जुड़े तथ्यों को सही पाया। जिसका दावा सोहन तोमर की लिखित शिकायत में किया गया था। इस बात की प्रथम दृष्टया पुष्टि शिकायतकर्ता द्वारा जारी कागज़ात कर रहे थे। मामले की तह तक जाने के लिये दिल्ली बार काउंसिल अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने तीन सदस्यीय जांच पीठ (Three-Member Inquiry bench) का गठन कर दिया। जिसमें बीसीडी उपाध्यक्ष हिमल अख़्तर, पूर्व बीसीडी अध्यक्ष केसी मित्तल और पूर्व मानद सचिव बीसीडी अजेयन्द्र सांगवान का नाम शामिल है।
इस विशेष अनुशासनात्मक समिति से समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी मौजूदा मानद सचिव पीयूष गुप्ता को सौंपी गयी। एडवोकेट इकबाल मलिक द्वारा वकालत के पेशे का दागदार करने के मामले में बीसीडी अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने बार काउसिंल ऑफ इंडिया की नियमावली खंड 6 (1) (डी) एडवोकेट एक्ट-1961 के अन्तर्गत नियम 43 के अन्तर्गत विशेषाधिकार शक्तियों का इस्तेमाल किया। जिससे आरोपी अधिवक्ता इकबाल मलिक (accused advocate Iqbal Malik) का प्रैक्टिस लाइसेंस निरस्त किया जायेगा। साथ ही दूसरी जरूरी अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) भी की जायेगी।
आगे की कार्रवाई के तहत अब 16 जुलाई 2021 को शाम 4 बजे इकबाल मलिक का अपना बयान विशेष अनुशासनात्मक समिति के सामने दर्ज करवाना होगा। जो कि दिल्ली हाईकोर्ट के 1-एफ लॉयर चैंबर में होगी। इसके साथ ही रमेश गुप्ता ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ दिल्ली हाईकोर्ट, जिला न्यायाधीश और डीसीपी से इस मामले में तमाम जानकारियां और सहयोग मुहैया कराने की दरख्वास्त की है। विशेष समिति की सिफारिश है कि आरोप वकील का चैंबर जल्द से जल्द सील किया जाये और साथ ही उस पर तीन महीने के भीतर विधि सम्मत ठोस कार्रवाई हो।