बिजनेस डेस्क (राजकुमार): भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Markets) का कारोबार आज (1 जून 2023) मामूली बढ़त के साथ खुला और खब़र लिखे जाने तक पॉजिटिव रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा था। देश में अनुमानित जीडीपी दर, लगातार विदेशी खरीद और यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (US House of Representatives) में यूएस डेब्ट सीलिंग बिल पारित होने की वज़ह से शुरूआती कारोबारी में फुर्ती देखी जा रही है। यूएस डेब्ट सीलिंग बिल (US Debt Ceiling Bill) का पारित होना दिखाता है कि इससे ऋण गतिरोध का समाधान हो जायेगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर कम दबाव पड़ेगा।
ये खब़र लिखे जाने तक सेंसेक्स 0.13 फीसदी रफ्तार से बढ़कर 81 अंकों की बढ़त छूते हुए 62,703 पर और निफ्टी 0.17 प्रतिशत की दर से 32 अंक बढ़कर 18,566 अंक पर था। कारोबार के मौजूदा पॉजिटिव माहौल में तीन अहम बातें देखी जा रही है, पहली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने अमेरिकी ऋण सीमा विधेयक का पारित किया जाना, इस ऋण गतिरोध का समाधान हो जायेगा। दूसरा देश में एफपीआई निवेश (FPI Investment) अपने आखिरी पड़ाव के दौरान बड़े इंवेस्टमेंट हासिल कर रहा है। बीते मई महीने के दौरान इसके कुल निवेश को 43838 करोड़ रुपये तक पहुंचाने के लिये 3 दिन का वकत लगा था। तीसरी अहम बात ये कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की चौथी छमाही और पूरे वित्तीय वर्ष 2023 में जीडीपी बढ़ोत्तरी के आंकड़े 6.1 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत पर आ रहे हैं, जो कि बाजार की उम्मीदों पर खासा असर डाल रहे हैं।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO- National Statistics Office) की ओर से जारी प्रोविजनल अनुमानों के मुताबिक, साल 2022-23 के लिये असल GDP बढ़ोत्तरी 7.2 प्रतिशत रही, जो कि अनुमान से 7 फीसदी से ज्यादा थी। इस बीच कच्चे तेल की कीमतों में ताजा गिरावट से भी शेयरों में तेजी देखी जा रही है। ये सभी वज़हों आज शेयर बाज़ार के लिये बूस्टर डोज का काम कर रही है।
ऐसे में ये सकारात्मक माहौल खासतौर से जीडीपी नंबर बाजार को लचीलापन मुहैया करवा सकते हैं। इस बीच एकमात्र चिंता बढ़ते वैल्यूएशन की है, जो कि डीआईआई को बेचने के लिये निवेशकों को प्रेरित कर सकता है, इससे एफपीआई की खरीदारी बेअसर हो सकती है।
बीते बुधवार (31 मई 2023) को मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने मीडिया से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2022-23 के लिये भारत की जीडीपी के आंकड़ों में आने वाले बदलावों को साफतौर पर देखा जा सकेगा। बता दे कि आज अन्य एशियाई बाजारों में शेयरों में मिला-जुला रुख रहा, क्योंकि अमेरिकी सदन ने डिफॉल्ट को टालने के लिये अमेरिकी ऋण सीमा सौदे को पारित कर दिया गया।