न्यूज़ डेस्क (शैषेन्द्र गजपति): गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद, पूरे देश भर में चीनी सामानों (Chinese products) का बहिष्कार करने की मुहिम छिड़ी हुई है। आम जनता का मानना है कि, आर्थिक रूप से चीन को कमजोर करके उसे सबक सिखाया जा सकता है। ऐसे में सोशल मीडिया पर कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफी वायरल होती दिखी, जिसमें ये दावा किया गया था कि, केंद्र सरकार 52 चुनिंदा चाइनीज़ मोबाइल ऐप को बैन करने जा रही है। जिनमें खासतौर से शामिल हैं- TikTok, VMate, Vigo Video, LiveMe, Bigo Live, Beauty Plus, CamScanner, Club Factory, Shein, Romwe और AppLock.बहुत से लोगों ने वायरल होती इस पोस्ट के दावे का खुले तौर पर समर्थन भी किया। जन भावनाओं के जुड़ाव के कारण इस सोशल मीडिया पोस्ट को सच मान लिया गया।
जैसे ही ये मामला प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो की टीम के पास आया तो, ये दावा हकीकत से परे पाया गया। PIB Fact Check ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल पर इसका खंडन किया। साथ ही कहा गया कि- इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (Ministry of Electronics and IT) और नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (National Informatics Centre) की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
हाल ही में सोनम वांगचुक चीनी उत्पादों के बहिष्कार की बात कह चुके हैं। गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प के बाद इस बात को जन भावनाओं के चलते काफी बढ़ावा मिला। इसी वजह से चीनी मोबाइल कंपनी Oppo को अपने 3 मोबाइलों की लॉन्चिंग भारत में रोकनी पड़ी। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि, देशभर में चीनी उत्पादों के खरीद-फरोख्त रोकने की मुहिम मात्र जनता के स्तर तक ही सीमित है। केंद्र सरकार इस मसले पर अभी चुप्पी साधे बैठी है। जिसका सीधा मतलब है कि, सरकार प्रथम दृष्टया चीनी उत्पादों के प्रतिबंध को गैर वाजिब मानती है। अगर ऐसा ना होता तो अब तक भारत सरकार का अधिकारिक बयान इस मुद्दे पर सामने आ चुका होता।