पश्चिम बंगाल की सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए डॉक्टरों को रेनकोट और दोयम दर्जे के फेस मास्क बांट रही है। जिन डॉक्टरों के कंधों पर इस खतरनाक वायरस से लड़ने का भार है। सूबे की सरकार उन्हें बेहतर प्रोटेक्शन गियर और कारगर मेडिकल इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध करवाने में नाकाम रही है। आपदा के इन हालातों में ऑन ड्यूटी डॉक्टरों की कुछ तस्वीरें सामने आ रही है। धिक्कार है ऐसी व्यवस्था पर। जहां डॉक्टर की बड़ी फौज उभर रहे हालातों से टक्कर ले रही है। वहीं ये स्थिति लाखों आम नागरिकों के मुंह पर करारा तमाचा है। ये दिखाता है कि महामारी जैसे हालातों में भी प्रशासनिक व्यवस्था का रवैया लचर और सुस्त बना हुआ है। आखिर करदाताओं की गाढ़ी कमाई से इकट्ठा किया गया पैसा कहां जा रहा है? क्या व्यवस्था में कुर्सियों पर जमी हुई जोकें इस बात का जवाब दे सकती है?