नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): आज (3 मार्च 2023) सुबह नई दिल्ली में मेजबान भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्रियों की क्वाड (Quad) बैठक में आतंकवाद, म्यांमार, यूक्रेन और दक्षिण चीन सागर (Ukraine and the South China Sea) जैसे मुद्दे उठाये गये। विदेश मंत्री दक्षिणी बेंगलुरु शहर में जी-20 वित्त मंत्रियों की बैठक के मौके पर ये बैठक कर रहे थे, जिसकी मेजबानी भी भारत कर रहा है। क्वाड सदस्यों ने यूक्रेन पर अपना ध्यान केंद्रित किया लेकिन इस दौरान रूस का जिक्र करने से परहेज किया।
यूक्रेन के मुद्दे पर क्वाड विदेश मंत्रियों की राय
क्वाड देशों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर (UN Charter) समेत अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि “हम यूक्रेन में सशस्त्र संघर्ष और इसकी वज़ह से होने वाली अपार मानवीय पीड़ा के प्रति अपनी प्रतिक्रियाओं पर चर्चा करना जारी रखेगे। हम इस ज्वलंत मुद्दे पर सहमति व्यक्त करते हैं कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी नामंजूर है। हमने इस बात पर जोर दिया कि नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, पारदर्शिता और विवादों के शांतिपूर्ण सम्मानपूर्वक समाधान की बात करनी चाहिये।
चीन के मुद्दे पर क्वाड विदेश मंत्रियों की राय
क्वाड सदस्यों ने वाशिंगटन और बीजिंग (Washington and Beijing) के बीच तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में चीन के चारों ओर जल के सैन्यीकरण पर चिंता जाहिर की। संयुक्त बयान में क्वाड विदेश मंत्रियों ने समुद्री नियम-आधारित व्यवस्था के लिये चुनौतियों का सामना करने के लिये पूर्व और दक्षिण चीन सागर में अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व का आह्वान किया। बयान में साफतौर से चीन का नाम नहीं लिया गया।
जारी बयान में बार-बार संयुक्त राज्य अमेरिका ने बढ़ती एशियाई ताकत चीन को घेरने के लिये क्वाड की अगुवाई करने की बात कही। बयान में कहा गया कि, “हम किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं, जो कि यथास्थिति को बदलने या इलाके में तनाव बढ़ाने की मांग करती है।”
बयान में आगे कहा गया कि, “हम विवादित इलाके के सैन्यीकरण, तट रक्षक जहाजों और समुद्री मिलिशिया (Marine Militia) के खतरनाक इस्तेमाल समेत दूसरे मुल्कों की अपतटीय संसाधन दोहन गतिविधियों को बाधित करने की कवायदों पर गंभीर चिंता ज़ाहिर करते हैं।”
बता दे कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है, जिसके जरिये सालाना खरबों डॉलर का कारोबार होता है।
आंतकवाद के मुद्दे पर क्वाड विदेश मंत्रियों की राय
क्वाड देशों ने 26/11 मुंबई समेत आतंकवादी हमलों की अपनी निंदा भी दोहरायी, जिसमें सभी क्वाड देशों के नागरिक मारे गये साथ ही पठानकोट हमले (Pathankot Attack) की भी निंदा की गयी, जिसमें सात सुरक्षाकर्मी मारे गये। पाकिस्तान (Pakistan) का नाम लिये बिना संयुक्त बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति की ओर से पदनाम समेत ऐसे आतंकवादी हमलों के अपराधियों के लिये जवाबदेही की मांग की गयी।
इसी मसले पर जारी हुए संयुक्त बयान में कहा गया कि- हम स्पष्ट रूप से आतंकवाद और हिंसक अतिवाद की उसके सभी रूपों समेत अभिव्यक्तियों में निंदा करते हैं। हम आतंकवाद और उसके छद्म के इस्तेमाल की निंदा करते हैं। आतंकवादी संगठनों को किसी भी तरह की रसद, वित्तीय या सैन्य सहायता से इनकार करने के महत्व पर जोर देते हैं, जिसका इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय और सीमा पार हमलों सहित आतंकवादी हमलों को शुरू करने या योजना बनाने के लिये किया जा सकता है।
बयान में आगे कहा गया कि- “हम यूएनएससी (UNSC) प्रतिबंध व्यवस्थाओं के कामकाज का राजनीतिकरण करने की कवायदों पर अपनी चिंता जाहिर करते हैं और सभी देशों से यूएनएससी प्रतिबंध समितियों के पारदर्शी, उद्देश्यपूर्ण और साक्ष्य आधारित कामकाजी तरीकों को बनाये रखने का आह्वान करते हैं।”