न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): हरियाणा भाजपा (Haryana BJP) के भीतर बेचैनी बढ़ रही है क्योंकि केंद्र सरकार के साथ पहलवानों का गतिरोध लगातार बढ़ रहा है और रफ्तार पकड़े जा रहा है, खासकर अगले साल होने वाले लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनावों (Haryana Assembly Elections) के मद्देनज़र इस मामले में हरियाणा भाजपा की धड़कने बढ़ा रखी है। हालांकि ज्यादातर हरियाणा भाजपा के नेता इस विरोध से दूर रहे हैं, सिर्फ कुछ लोग ही नपे तुले बयान दे रहे हैं, इस बीच कुछ लोग खुलकर सामने आये है, जो कि पहलवानों के इंसाफ की मांग के संघर्ष के समर्थन कर रहे हैं।
साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया (Vinesh Phogat and Bajrang Punia) चार महीने से ज्यादा वक्त से इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे तीनों पहलवान हरियाणा के मूल निवासी हैं। मलिक रोहतक (Rohtak) के मोखरा गांव, विनेश चरखी दादरी (Charkhi Dadri) और पुनिया झज्जर (Jhajjar) के खुदन गांव के रहने वाले हैं। इसी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Chief Minister Manohar Lal Khattar) को जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान भारी विरोध का सामना कर पड़ रहा है। राज्य की भाजपा इकाई पहले से ही बुरी तरह घबराई हुई है। कुछेक मौकों पर सीएम खट्टर अपना आपा भी खो बैठे है।
प्रदर्शनकारी पहलवानों को राज्य के मजबूत किसान संघों का पूरा समर्थन मिला है, जो कि भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध की बात कर रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से रद्द किये गये विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर इन किसान यूनियनों के बीच पहले से ही काफी गुस्सा है। उस दौरान किसानों के दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक विरोध-प्रदर्शन करने के बाद मोदी सरकार बैकफुट पर आ गयी थी।
इस बीच पहलवानों के विरोध में एक सुनहरा मौका पाने वाली विपक्षी कांग्रेस ने अपना जोर पहलवानों के पीछे लगा दिया है। ज्यादातर पहलवान जाट समुदाय (Jat Community) के हैं और कांग्रेस (Congress) का उनमें मजबूत जनाधार है। पहलवानों को इनेलो (INLD), एक जाट-केंद्रित पार्टी और नई आम आदमी पार्टी (AAP- Aam Aadmi Party) का भी खुला समर्थन हासिल है।
पहलवानों के समर्थन की इन बढ़ती आवाजों और बृजभूषण पर लगे गंभीर आरोपों के बावजूद हरियाणा बीजेपी नेतृत्व ने अब तक आंखें नहीं मूंदी हैं, अपवादों में गृह मंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) शामिल हैं, जिन्होंने पहलवानों की मांगों को पार्टी के भीतर उच्चतम स्तर तक पहुंचाने की पेशकश की है, हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह (Brijendra Singh) ने कहा कि वो पहलवानों के दर्द और लाचारी को महसूस करते हैं, और उनके पिता और पूर्व संघ मंत्री बीरेंद्र सिंह (Birendra Singh) जंतर-मंतर गये और प्रदर्शनकारी पहलवानों से मुलाकात की।
इस महीने की शुरुआत में पहलवानों ने मामले में खट्टर से समर्थन और दखल की मांग की थी। लेकिन सीएम ने ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था कि “मामला हरियाणा का नहीं… खिलाड़ियों की टीमों और केंद्र सरकार का है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया है … जांच के निर्देशों पालन किया जायेगा।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने बीते बुधवार (31 मई 2023) को Trendy News Network को बताया कि उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के सामने इस मुद्दे को उठाया था और उनसे कहा था कि “इससे पार्टी की विश्वसनीयता को भारी नुकसान पहुंचेगा”। सिंह ने आगे कहा कि, “मैं अपने पार्टी प्रमुख से दो बार मिला। दोनों बार मैंने उनसे कहा कि पार्टी को इसे एक राज्य के पहलवानों से जुड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। ये गंभीर चिंता का विषय है और पार्टी की साख दांव पर है। मैंने उनसे [नड्डा] से दखल देने, खेल मंत्रालय (Sports Ministry) से बात करने या जो भी जल्द से जल्द इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल कर सकता है, वो सब करने का अनुरोध किया। मैंने कहा कि हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, इसलिए हमें इस पर काम करना चाहिए।”
उन्होनें आगे कहा कि “मैंने पार्टी अध्यक्ष से ये भी कहा कि भले ही ये माना जाए कि वो [पहलवान] किसी राजनीतिक दल के इशारे पर काम कर रहे हैं या किसी की ओर से उकसाया गये है, उनकी आवाज़ सुनी जानी चाहिये। वो एक ऐसा मुद्दा उठा रहे हैं, जिसका समाधान किया जाना चाहिये।’
बीरेंद्र सिंह ने खेल संघों के नियंत्रण को लेकर भी सवाल उठाए, इस पर उन्होनें कहा कि “समस्या राजनेताओं खासतौर से सत्ता में रहने वालों के साथ-साथ उद्योगपतियों और ऐसे संघों को चलाने वाले नौकरशाहों के साथ है। सरकार को खेल संघों को चलाने के तरीके में सुधार करना चाहिये।”
पहलवानों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ (Om Prakash Dhankar) ने कहा कि उन्होंने इस मामले को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) के सामने उठाया था। उन्होंने कहा कि, ‘मैंने इस बात पर जोर दिया कि जंतर मंतर (Jantar Mantar) पर प्रदर्शन करने वाली हमारी बेटियां हैं और उन्हें इंसाफ मिलना चाहिये। मंत्री ने कहा कि उन्हें निश्चित रूप से न्याय मिलेगा।”
मामले पर बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि, ‘इसमें कोई शक नहीं कि ये मामला हरियाणा से जुड़ा नहीं है। लेकिन, मुद्दा ये है… भाजपा कैडर बेस्ड पार्टी है और सीएम इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं बोल सकते हैं।’ एक अन्य बीजेपी नेता ने माना कि इस मामले पर पार्टी की चुप्पी का उलटा असर हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनके ऊपर पार्टी की नीतियों से निपटने की जरूरत है। न सिर्फ अपने मन की बात कहने का साहस होना चाहिये, बल्कि जमीनी हकीकत को सुनने और समझने का भी साहस होना चाहिये। मौजूदा विरोध के पीछे कारण जो भी हो, नतीज़ों तक पहुंचने में देरी से जमीनी धारणा बदल जायेगी।’