बिजनेस डेस्क (राजकुमार): Sensex: वैश्विक बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय इक्विटी सूचकांकों (Indian Equity Indices) ने आज (1 जुलाई 2022) महीने की शुरूआत लाल निशान से की। रूपये के लगातार गिरती कीमतें, विदेशी फंड का आउटफ्लो, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मौजूदा मुद्रास्फीति (Inflation) की चिंताओं समेत अन्य कारकों की वज़ह से बीते जून महीने में ज़्यादातर कारोबारी सत्रों (Trading Sessions) के दौरान सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गयी।
आज सुबह 9.40 बजे सेंसेक्स 304.23 अंक और 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,714.71 अंकों पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी (Nifty) 122.40 अंक और 0.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,657.85 अंकों कारोबार कर रहा था।
निफ्टी 50 कंपनियों में शुमार टाइटन, डॉ रेड्डीज, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Tata Motors and Reliance Industries) के शेयरों में सुस्ती का आलम देखा गया। दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज डेटा के मुताबिक यूपीएल, श्री सीमेंट्स, सिप्ला, एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक (Asian Paints and IndusInd Bank) टॉप गेनर लिस्ट में दिखायी दिये।
गौरतलब है कि निफ्टी बीते महीने के लिए 5 प्रतिशत कम और तिमाही के लिये 9.4 फीसदी कम कारोबारी प्रदर्शन करता दिखा। खास बात ये रही कि एफपीआई लगभग सभी दिन खरीददार बने रहे। 30 जून को ये बीते 4 दिनों के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान खास बात ये रही कि एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) के शेयर भी मुनाफा कमाने में नाकाम रहा। अन्य प्रमुख एशियाई शेयरों में आज (1 जुलाई 2022) गिरावट आयी क्योंकि निवेशकों ने आर्थिक मंदी के बारे में चिंताओं का आकलन किया। वैश्विक वित्तीय बाजारों के लिये पहली छमाही के बाद भी कोई राहत नहीं दिख रही है।
प्रमुख शेयर संकेतकों बैंकिंग, आईटी, दूरसंचार और ऑटो के लिये संभावनाओं में सुधार गुंजाइंशें लगातार बनी हुई है। दूसरी जुलाई की अवधि में स्टॉक की कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ावों कुछ बेहतरीन कारोबारी संभावनायें बनती दिख रही है। इस मेटल शेयर (Metal Stock) को कुछ झटका लग सकता है। पहली कारोबारी तिमाही के पूर्ति तीसरी तिमाही का कारोबारी प्रदर्शन कर सकता है। मार्केट पर कुछ हद तक मानसून का असर दिख सकता है, इसका साफ असर कॉमोडिटी बाज़ार (Commodity Market) में देखा जा सकेगा।