Rave Parties: बीते शनिवार 2 अक्टूबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau– NCB) ने मुंबई में एक रेव पार्टी में छापा मारा और बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बड़े बेटे आर्यन खान समेत 8 लोगों को हिरासत में ले लिया। स्टार किड को हिरासत में लेने और पूछताछ करने के बाद एनसीबी ने आर्यन खान को रविवार 3 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे गिरफ्तार किया। एनसीबी ने आर्यन खान (Aryan Khan) को कई तरह की ड्रग्स रखने के मामले में किया। जिसमें 13 ग्राम कोकीन, 5 ग्राम एमडी, 21 ग्राम हशीश और एमडीएमए की 22 गोलियां शामिल है।
आर्यन खान को अन्य लोगों के साथ हिरासत में लिया गया, जो छापे के समय उनके साथ मौजूद थे, जिसमें अभिनेता अरबाज मर्चेंट भी शामिल थे। मुंबई रेव पार्टी का छापा देश में इस तरह का पहला छापा नहीं है। पश्चिम मुल्कों में दशकों से रेव पार्टियां चल रही हैं। भारत में हाल के सालों इस तरह की पार्टियों का चलन बढ़ा है। जिनका खुलासा होने पर सुर्खियों का बाज़ार गर्म हो जाता है।
जाने क्या होती है रेव पार्टी
रेव पार्टियों को पहले डांस पार्टियों के तौर पर देखा जाता था। जिसमें खास किस्म के गाने बज़ा करते थे, जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक कहा जाता है। फिलहाल जिस तरह की रेव पार्टियां का आजकल चलन चल रहा है उसकी शुरूआत 1990 के दशक में हुई जब डीजे बजाना पूरी तरह गैरकानूनी था। आमतौर इस तरह की पार्टियां और डीजे का इस्तेमाल गुपचुप तरीके से होता था। ऐसी पार्टियों में लाइव म्यूजिक और डांसर्स भी शामिल हो सकते हैं। रेव पार्टियों में हिस्सा लेने वाले लोगों को 'रैवर्स' के तौर पर जाना जाता है।
रेव पार्टियों में शक्तिशाली सबवूफ़र्स और बड़े साउंड सिस्टम के साथ-साथ लेजर शो, इमेज प्रोजेक्शन, नियॉन साइन्स और फॉग मशीन का इस्तेमाल किया जाना आम बात है। इनकी मदद से एक खास किस्म का माहौल पैदा किया जाता है ताकि रैवर्स के बीच म्यूजिक और नशे का सुरूर पैदा किया जा सके। इस तरह की पार्टियों में हिस्सा लेने वाले लोग भंयकर नशे में बेसुध पाये जाते है।
रेव पार्टियों प्राइवेट जगहों से लेकर बड़ी मैदानों तक में आयोजित की जाती है। जिसमें कई डीजे लाइन अप किये जाते है। इनमें खास किस्म का डांस होते है। कई रेव पार्टियां थीम बेस्ड भी होती है। ऐसी पार्टियां कई घंटों तक बिना रुके चलती हैं, रात भर या पूरे 24 घंटे तक चलती रहती हैं। रेव पार्टियों में हिस्सा लेने के लिये रैवर्स को भारी एन्ट्री फीस का भुगतान करना पड़ता है।
यहां से हुई शुरूआत रेव पार्टियों की
कहा जाता है कि रेव शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1950 के दशक में यूके लंदन में सामने आया, जहाँ इसका इस्तेमाल "जंगली बोहेमियन पार्टियों" के लिये किया गया था। कुछ वक़्त के लिये ये पार्टियां गुमनामी के दौर में रही। 1960 के दशक में परम्परागत चलन से हटकर जंगली तरीके से होने वाली पार्टियों के लिये रेव पार्टी शब्द इस्तेमाल होने लगा। 1990 से दशक से लेकर अब तक इसके चलन में काफी इज़ाफा हुआ है।
रेव पार्टियों में गैरकानूनी नशीली दवाओं का इस्तेमाल
रेव पार्टियां कोकीन, पार्टी ड्रग या एमडीएमए, एमडी, एलएसडी, जीएचबी, कैनबिस, हैश, केटामाइन, एम्फ़ैटेमिन और मेथामफेटामाइन जैसी गैरकानूनी नशीली दवाओं का इस्तेमाल करने के लिये जानी जाती है। पुलिस और नारकोटिक्स एजेंसियां इस तरह की पार्टियों के खिलाफ हमेशा हाई अलर्ट पर रहती हैं और ड्रग सप्लायर्स और नशीले दवा के काराबोर का भंडाफोड़ करने के लिये अक्सर रेव पार्टियों पर छापेमारी करती हैं। ऐसा भी देखने में सामने आया कि कई हाई प्रोफाइल स्कूलों में पढ़ने वाले रसूखदार परिवार परिवार के बच्चों को पार्टी के नाम पर नशे के दलदल में शुरूआती तौर पर झोंका जाता है।