नई दिल्ली (शाश्वत अहीर): दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) की याचिका समिति ने दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना, मुख्य सचिव नरेश कुमार और कुछ अन्य अधिकारियों से आप सरकार की वृद्धावस्था पेंशन, मोहल्ला क्लिनिक और सरकारी अस्पतालों के डेटा एंट्री ऑपरेटरों को हटाने से संबंधित मामलों पर चर्चा की, साथ ही इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की।
वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) के मुद्दे पर समिति की रिपोर्ट में समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) की निदेशक पूजा जोशी पर वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन के बांटने में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया गया। साथ ही रिपोर्ट में दावा किया गया कि लाजपत नगर (Lajpat Nagar) के जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास पांडे का रवैया काम को लेकर काफी लापरवाह था।
रिपोर्ट में आगे आरोप लगाया गया है कि उपराज्यपाल के इशारे पर मुख्य सचिव ने कई अधिकारियों को धमकी दी थी। समिति ने राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय से इस रिपोर्ट पर संज्ञान लेने साथ ही मुख्य सचिव और एलजी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया।
बता दे कि ये रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में भी पेश की गयी। रिपोर्ट के मुताबिक समिति को पता चला कि वरिष्ठ नागरिकों को कई महीनों से पेंशन नहीं मिल रही है और अधिकारी उनसे बहुत गलत तरीके से बात कर रहे हैं। मामले को लेकर चितरंजन पार्क (Chittaranjan Park) के निवासी शुभाशीष दत्ता ने इस मुद्दे पर एक याचिका दायर की, जिसमें नियमित वृद्धावस्था पेंशन न मिलने का आरोप लगाया गया। कई मामलों में पात्र लाभार्थियों के लिये वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गयी… विभाग ओर से गलत जानकारी के कारण, कई वृद्ध लाभार्थियों की आयु पेंशन समाज कल्याण विभाग, जीएनसीटीडी की ओर से बिना वैध कारण या कोई सत्यापन कराये बिना बंद कर दी गयी… वृद्धावस्था पेंशन के कई लाभार्थियों को नियमित पेंशन नहीं मिल रही थी, जो कि पिछले कई महीनों से लंबित है।
मोहल्ला क्लिनिक (Mohalla Clinic) से जुड़े मामले में बेगमपुर (Begumpur) निवासी धर्मेंद्र कुमार ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें मोहल्ला क्लिनिक में दवाओं की अनुपलब्धता के साथ साथ कर्मचारियों और डॉक्टरों की तनख्वाह का भुगतान करने में नाकामी को उजागर किया गया।
ठीक इसी तरह डेटा एंट्री ऑपरेटरों को हटाने के मामले में याचिका त्रिलोकपुरी (Trilokpuri) निवासी राहुल ने दायर की थी। कुमार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक दवाओं और डायग्नोस्टिक टेस्ट की अनुपलब्धता जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों के पारिश्रमिक का भुगतान महीनों से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि, “क्लीनिकों के हालात भी खराब हो गये है, वहां पीने का पानी नहीं था और वाईफाई कनेक्शन के बिल के अलावा सफाई का खर्च भी कर्मचारियों की ओर से ही उठाया जा रहा था।”
कमेटी ने दिल्ली के वित्त और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मोहल्ला क्लीनिक के मामले पर विचार-विमर्श किया। मोहल्ला क्लिनिक मुद्दे पर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि- “समिति सिफारिश करती है कि मुख्य सचिव, सचिव (स्वास्थ्य विभाग) और प्रमुख सचिव (वित्त विभाग) के खिलाफ जानबूझकर फाइलों की प्रोसेसिंग और एएएमसी सेवाओं के लिये धन जारी करने और डॉक्टरों के वेतन में देरी करने के लिये कड़ी कार्रवाई करें। समिति भारत के राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय, भारत सरकार से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि वो मुख्य सचिव और एलजी के खिलाफ उचित कार्रवाई करें।”
कमेटी ने डेटा एंट्री ऑपरेटर मामले में भी एलजी, मुख्य सचिव और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।