न्यूज डेस्क (वृंदा प्रियदर्शिनी): आप लोगों ने वो परेश रावल वाली हेराफेरी फिल्म तो देखी ही होगी ना? जिसमें राजपाल यादव एक गिरोह के चुंगल में फंस जाता है जो कि उसे पैसे डबल करने का झांसा देता है। कुछ इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में जालसाज़ों का गिरोह सक्रिय है। जो कि लोगों का पैसा डबल करने का झांसा देकर लंबे समय से इस फर्जीवाड़े में लगा हुआ था। इस गिरोह की धरपकड़ की पूरी रणनीति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर (SSP Akash Tomar) की देखरेख में तैयार की गयी।
बताया जा रहा है कि सहारनपुर साइबर क्राइम विंग (Saharanpur Cyber Crime Wing) को पीड़िता आरूषी सिंघल से लिखित शिकायत मिली कि किसी अंज़ाने शख़्स ने उन्हें इंस्टाग्राम पर एक लिंक भेजा, जिसमें पैसा डबल करने का दावा किया गया था। जिसके बाद पीड़िता ठगों के चुंगल में फंस गयी। इस दौरान पीड़िता आरूषी सिंघल से जालसाज़ों ने 3,21,500/- रूपये की ठगी की। इस मामले को लेकर एडीजी पुलिस साइबर क्राइम श्री राम कुमार (ADG Police Cyber Crime Shri Ram Kumar) और पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह ने एसएसपी आकाश तोमर को खासतौर से निर्देशित किया। जिसके बाद पुलिस उपमहानिरीक्षक सहारनपुर प्रीतिन्द्र सिंह और प्रीति यादव ने जालसाज़ों की धरपकड़ के लिये कवायदें तेज कर दी।
फिलहाल इस मामले में गिरोह से जुड़े लोग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने पीड़िता के पैसा वापस उनके खाते में उपलब्ध करवा दिया। जिसके बाद पीड़िता ने उत्तर पुलिस की खुलकर तारीफ की। फिलहाल इस मामले में सहारनपुर पुलिस ने आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर छानबीन तेज कर दी है। साइबर क्राइम विंग ने लगातार संदिग्ध इंस्टाग्राम अकाउंट (Suspicious Instagram Account) पर नज़रें बनायी हुई है।
मामले की पर्तें खोलने के लिये सहारनपुर पुलिस ने साइबर क्राइम विंग और आईटी विशेषज्ञों की मदद ली है। अब पुलिस खास कोडिंग और एडवांस एल्गॉरिथम (Special coding and advanced algorithms) की मदद से शतिर अपराधियों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है। इसके साथ टेक्निकल सर्विलांस (Technical Surveillance) की मदद से भी सबूतों को जुटाया जा रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही अपराधी सलाखों के पीछे होगें।