न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): पूर्व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आज़ाद (Former senior Congress leader Ghulam Nabi Azad) जिनके हालिया इस्तीफे ने कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक मुश्किलों काफी बढ़ा दी है। पार्टी में लगभग टूट के कगार पर है। कांग्रेस के कई बड़े सिपहसालार पार्टी का दामन छोड़ चुके है। इसी मसले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) ने बीते सोमवार (30 अगस्त 2022) को कहा कि कांग्रेस लगातार अपने नेताओं का विश्वास, समर्थन और जनाधार खो रही है क्योंकि वो स्थानीय और राष्ट्रीय हितों को संतुलित करने में पूरी तरह नाकाम रही है।
जेपी नड्डा ने ये कहकर कांग्रेस पर तंज कसा कि 40 साल से ज़्यादा समय से कांग्रेस से जुड़े बड़े लोग भी इस्तीफा दे रहे हैं। असम के गुवाहाटी (Guwahati of Assam) में आईटीए केंद्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, नड्डा ने पूछा, “देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस छोटी क्यों होती रही? ये कमजोर क्यों हो रही है? स्थानीय और राष्ट्रीय लक्ष्यों के बीच इंटीग्रेशन की कमी इसकी अहम वज़ह है।”
नड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Hemant Biswa Sarma) के मौजूदा प्रशासन के गठन के बाद असम में हुए हर चुनाव में भाजपा ने पिछली जीत को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिये असम के पार्टी सदस्यों और सीएम सरमा की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि असम के हर जिले में एक भाजपा कार्यालय होगा और पहले से बने पांच कार्यालयों के अलावा 18 और कार्यालय बनाये जा रहे हैं। हम (भाजपा) असम में बड़ी प्रगति कर रहे हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम पूर्वोत्तर में सरकार बना पायेगें। हम यहां न सिर्फ सरकार बना रहे हैं बल्कि राज्य के विकास को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।
फिर उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की “लुक ईस्ट” पहल की तारीफ की और दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) प्रशासन के दौरान पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है।