न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज (22 मार्च 2022) दिल्ली में तीन नगर निगमों (Delhi Municipal Corporation) के विलय के लिये विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक को संसद के चालू बजट सत्र में पेश किये जाने की संभावना है।
माना जा रहा है कि इस कवायद से तीनों निगमों का कामकाज़ बेहतर होगा। साथ ही बढ़ती देनदारियां भी कम होगी। जिससे कि तीन नगर निगमों के कामकाज पर होने वाले खर्च से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की नागरिक सेवाओं में बड़े पैमाने पर बदलाव होगा। साथ ही इससे ज़्यादा पारदर्शिता और बेहतर निगम प्रशासन (Corporate Administration) होने की उम्मीद जतायी जा रही है। इसी क्रम में 1957 के मूल अधिनियम में कुछ और संशोधनों को भी मंजूरी दी गयी है।
मौजूदा संशोधन तीन निगमों को मिलाकर दिल्ली के लिये एकीकृत नगर निगम का प्रावधान सुनिश्चित करता है। तत्कालीन दिल्ली नगर निगम को साल 2011 तीन नगर निगमों में दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC), और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) में बांटा गया था।
क्षेत्रीय विभाजन और प्रत्येक निगम की राजस्व सृजन क्षमता के मामले में निगम का विभाजन असमान था। नतीजतन तीन निगमों के लिये उपलब्ध संसाधनों में उनके दायित्वों की मुकाबले में बड़ा अंतर था। समय के साथ ये अंतर बढ़ता चला गया तीन नगर निगमों की वित्तीय हालात काफी डावांडोल रहे। जिससे वो अपने कर्मचारियों को वक़्त पर तनख्वाह और सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान करने में नाकाम हो गये, जिससे दिल्ली में नागरिक सेवाओं को बनाये रखने में गंभीर बाधायें पैदा हुईं।