नई दिल्ली (शौर्य यादव): कोरोना जैसी बिमारी का मसला हल होने का नाम नहीं ले रहा और अब कुदरत भी अपना कहर बरपाने से बाज़ नहीं आ रही है। हाल ही में दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए। इस बीच लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद लोग घबराकर बाहर आने के लिए मजबूर हो गए। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप का केंद्र पूर्वी दिल्ली था।
दिल्ली, नोएडा समेत गुरुग्राम, फरीदाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका सीधा असर देखा गया। भूकंप के कारण फिलहाल किसी तरह के जान माल की कोई हानि दर्ज नहीं की गई है। लॉकडाउन होने के कारण मानवीय गतिविधियों पर लगभग लगाम सी लग गई है। इस कारण सीस्मिक एक्टिविटी रिकॉर्ड करने में वैज्ञानिकों को खासा आसानी हो रही है। टेक्टोनिक प्लेट्स में होने वाली गतिविधियों को काफी सटीकता से दर्ज किया जा रहा है।
इन दिनों सोशल मीडिया और वाट्सऐप पर एक मैसेज काफी वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि 7 से 15 अप्रैल के बीच दिल्ली में एक बड़ा भूकंप आ सकता है, जिसकी तीव्रता 9.1 से 9.3 के बीच हो सकती है। यह दावा नासा के हवाले से किया जा रहा है।
हालांकि प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो के फैक्ट चेक ने इस दावे का खंडन किया है। पीआईबी के मुताबिक नासा की ओर से ऐसा कोई दावा नहीं किया गया है। ये ख़बर एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में कयास के आधार पर चलाई गई थी।