नयी तरह के स्मार्ट (Smart) टीवी, स्मार्ट फोन, स्मार्ट लैपटाप लांच हो रहे हैं। स्मार्टत्व जैसे हवा में हर तरफ तैर रहा है। कंप्यूटरयुक्त स्मार्ट क्लासरुमों की स्थापना कई स्कूलों में हो चुकी है, स्मार्ट कार्ड्स मार मचाने लगे हैं,। कई लोगों के फोन उनसे ज्यादा स्मार्ट हो रहे हैं जी।
पर क्षमा करें, अब सिर्फ स्मार्टत्व काफी नहीं, चालूपना भी जरुरी है। अभी खबर आयी कि लोग पोर्न (Porn) नंगू फिल्में दफ्तर में ही देखने लगे हैं। ये स्मार्टत्व है। चालूपना इससे आगे का मामला है। कंप्यूटर चालू तब माना जायेगा, जब उसका यूजर बंदा पोर्न देखता रहे, पर उसके पीछे खड़े बास को स्क्रीन पर दिखे कि हमारा कर्मचारी दफ्तर के लिए पावर पाइंट प्रजेंटेशन (Power point presentation) तैयार कर रहा है। मुश्किल है ना यह काम।
साहब, चालूपना आसान नहीं है।
स्मार्टफोन पर डिटेल में आ जाता है कि किसने काल किया, कितने बजे काल किया, कितनी बार काल किया। ये स्मार्टत्व है। पर चालूपना ये है कि फोन खुद ही फिल्टर करके कुछ फोन काल्स को ब्लाक कर दे। क्रेडिट कार्ड वालों के तकादे के फोन आ रहे हैं। कार की ईएमआई चुकाने में डिफाल्ट हो गया हो, कार लोन वालों के फोन आ रहे हों। चालू फोन खुद ही ऐसे फोनों का जवाब दे दे कि जिस नंबर पर आपने काल किया है, उस नंबर का मालिक अभी देश के वित्तमंत्री, प्रधानमंत्री और यूएस के राष्ट्रपति के साथ कांफ्रेंस काल में बिजी है।
शायद ये सुनने के बाद कार लोन वसूलने वाले अगली बार थोड़ी कम बदतमीजी से बात करें।
इधर मेरा बैंक हर संडे को सुबह ये मैसेज भेज देता है कि आपके खाते में इस समय इतना बैलेंस है। ये मैसेज घर वाले पढ़ लें, तो झूठ बोलना मुश्किल हो जाता है। ये स्मार्ट मैसेजिंग (Smart messaging) है। पर चालू फोन हो, तो इसमें ये करे कि इस मैसेज को फोन मालिक के अलावा कोई और पढ़े तो ये दिखे-दूसरों के मैसेज पढ़ना बुरी बात है।
स्मार्ट बहुत हो गया, जी अब तो चालू का इंतजार है।
साभार – आलोक पुराणिक