नई दिल्ली (शौर्य यादव): आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली एमसीडी (MCD) चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की, जिससे भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सत्ता का खात्मा हो गया, जो कि 15 बीते सालों से दिल्ली एमसीडी पर शासन कर रही थी। अब बारी आती है दिल्ली के मेयर के चुनाव की।
भले ही बीजेपी दिल्ली में एमसीडी चुनाव 2022 में कुल 250 में से करीब 104 सीटें हार गयी हो, लेकिन कहा जा रहा है कि दिल्ली का मेयर (Mayor) बीजेपी का हो सकता है या आप का। दिल्ली में मेयर के चुनाव की प्रक्रिया सीधे तौर पर राजधानी के लोगों पर नहीं, बल्कि दिल्ली एमसीडी (Delhi MCD) के सदस्यों पर निर्भर करती है।
जब राष्ट्रीय राजधानी में मेयर का चुनाव करने की बात आती है तो दिल्ली के लोग सीधे वोट नहीं डालते हैं, लेकिन वोट दिल्ली नगर निगम के सदस्यों की ओर से डाले जाते हैं, जिन्हें पार्षद (Councillor) कहा जाता है। दिल्ली एमसीडी में कुल 250 पार्षद हैं। जबकि पार्षदों को दिल्ली के निवासियों की ओर से सीधे वोट के माध्यम से चुना जाता है, फिर वो अपने बीच से दिल्ली एमसीडी मेयर का चुनाव करने के लिये वोट देते हैं। दिल्ली एमसीडी के मेयर का कुल कार्यकाल एक साल का होता है, और वो वित्तीय वर्ष की शुरुआत में चुने जाते हैं।
दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 35 में कहा गया है कि निगम को प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरूआत में वर्ष की पहली बैठक में एक महापौर का चुनाव करना चाहिये। इसके अलावा नियमों के मुताबिक प्रत्येक पार्टी के कार्यकाल की शुरूआत में पहली मेयर एक महिला होनी चाहिये।
दिल्ली एमसीडी के पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच एक बड़ा राजनीतिक नाटक छिड़ गया, जिसमें नगर निकाय के एल्डरमेन (जो कि पारंपरिक तौर पर वोट नहीं दे सकते) को शपथ लेने के लिये आमंत्रित किया गया था।
सिविक सेंटर (Civic Center) में बीते शुक्रवार (6 जनवरी 2023) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच हुई झड़प के बीच मेयर पद के लिये मतदान शुरू होने से पहले ही एमसीडी हाउस की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी।
दिल्ली मेयर चुनाव से पहले दोनों दलों के पार्षद आपस में भिड़ गये और फिर एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध करने लगे। इस प्रक्रिया में कई पार्षदों के घायल होने के कारण मार्शलों को मौके पर अपनी मौजूदगी दर्ज करानी पड़ी। बीजेपी ने दावा किया है कि उनके पार्षद इंदर कौर, अनीता देवली और कमलजीत शेरावत (Anita Devli and Kamaljit Sherawat) को विरोध के दौरान चोटें आयी, जबकि आप ने सोशल मीडिया पर अपने पार्षदों की लिस्ट को जारी किया।