न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): भाई दूज (Bhai Dooj) हिंदू कैलेंडर विक्रमी संवत (Vikrami Samvat) के कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की दूसरी तिथि को मनाया जाता है। भाई दूज त्योहार के दिन बहन अपने भाई के माथे पर टीका या तिलक लगाती है और उसे अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती है। ये एक ऐसा दिन भी है जब बहनें अपने भाइयों को संपूर्ण स्वादिष्ट भोजन के लिये अपने घर आमंत्रित करती हैं, जिसमें उनके पसंदीदा व्यंजन/मिठाइयाँ शामिल होती हैं।
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) की तरह भाई दूज का अंतर्निहित महत्व बहन की रक्षा के लिये भाई के कर्तव्य को उजागर करना है। हालांकि त्यैहारों को कैसे मनाया जाता है और उनका क्या अर्थ है, इसको लेकर भी कई मत होते है। भाई दूज पूरे परिवार की एकता का जश्न मनाने के लिये भी है।
त्योहार मनाने की पारंपरिक शैली में बहनें पहले अपने भाइयों की आरती करती हैं और भाई के माथे पर लाल टीका लगाती हैं। यो टीका बहन की अपने भाई के लिये गहरी और हार्दिक प्रार्थना का प्रतीक है, जिसमें वो अपने भाई के लंबे खुशहाल जीवन की कामना करती है।
बहनें जहां तिलक करती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों को प्यार और आशीर्वाद देते हैं, और इस दिन को और भी खास बनाने के लिये मौजूद होते हैं।
Bhai Dooj 2022: ये रहेगा टीका लगाने का शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन इस साल 26 और 27 अक्टूबर दोनों को पड़ रहा है। ऐसे में भाई दूज का त्यौहार 26 अक्टूबर को दोपहर 02:43 बजे से शुरू होकर 27 अक्टूबर को दोपहर 12.45 बजे पर खत्म होगा। तिलक (Tilak) करने का शुभ समय दोपहर 12:14 से 12:47 बजे तक है।
उदय तिथि के अनुसार 27 अक्टूबर को कई स्थानों पर भाई दूज पर्व मनाया जायेगा। 27 अक्टूबर को भाई दूज का शुभ मुहूर्त सुबह 11.07 बजे से दोपहर 12.46 बजे तक रहेगा।