Corona से ठीक हो चुके लोगों पर मंडराया गॉल ब्लैडर में गैंगरीन का खतरा

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): पिछले साल कोविड-19 (Corona) महामारी की शुरुआत के बाद से लोग न सिर्फ छूत की बीमारी से बल्कि विभिन्न तरह की कोविड-19 जटिलताओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। शुरूआत में कोरोना रोग से उबरने वाले कई रोगियों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले सामने आये थे।

अब एक और गंभीर पोस्ट-सीओवीआईडी ​​जटिलता (Post-COVID complication) उन रोगियों में देखी गई है, जो Sars Cov2 वायरस से उबर चुके हैं। COVID-19 से ठीक होने वाले कई मरीज अब गॉल ब्लैडर में गैंगरीन (Gangrene In Gall Bladder) जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में COVID-19 बीमारी से उबरने वाले पांच मरीजों ने बुखार, पेट में तेज दर्द और उल्टी की शिकायत की।

जांच करने पर अस्पताल के डॉक्टरों को इन मरीजों के गॉल ब्लैडर में गैंगरीन मिला। सर गंगा राम अस्पताल के लिवर और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग (Department of Liver and Gastroenterology) के प्रोफेसर डॉ अनिल अरोड़ा ने कहा कि इस तरह के मामले पहली बार उन रोगियों में देखे गये जो सीओवीआईडी ​​-19 से पूरी तरह ठीक हो गये थे।

डॉ अरोड़ा के मुताबिक कोविड-19 से उबरने वाले और पित्ताशय में गैंग्रीन की समस्या का सामना करने वाले पांचों मरीज़ों की उम्र 37 वर्ष से 75 वर्ष के बीच थी। डॉ अरोड़ा ने आगे कहा कि इन पांच मरीजों में से दो को मधुमेह और एक को हृदय रोग भी था।

जब इन मरीजों का अल्ट्रासाउंड और एमआरआई (Ultrasound and MRI) किया गया तो पता चला कि इन पांच मरीजों के गॉल ब्लैडर में गैंगरीन के अलावा गंभीर सूजन भी थी और पांच में से चार मरीजों का गैंगरीन भी फट गया था, जिसके बाद इन मरीजों को तत्काल सर्जरी जरूरत थी। डॉ अरोड़ा के अनुसार इस तरह की सूजन आमतौर पर कुछ बड़े ऑपरेशन, गंभीर चोटों, जलन, रक्त संक्रमण और एचआईवी (Blood Infection and HIV) के कारण होती है। डॉ अरोड़ा ने कहा कि सीओवीआईडी ​​-19 के कारण पित्ताशय में इतनी गंभीर सूजन पहली बार देखी गयी है।

सर गंगा राम अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रवीण शर्मा के मुताबिक अगर कोई भी मरीज जो कोविड-19 से ठीक हुआ है, उसमें बुखार के साथ उल्टी और पेट दर्द के लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए। इससे समस्या के गंभीर रूप में पहुंचने से पहले ही उसे रोकने में मदद मिलेगी और उन्हें सही समय पर सही इलाज भी मिल सकेगा।

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