एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के आज तीन साल पूरे होने पर पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा तैयार किया गया टूलकिट सामने आया है, जिसका मकसद भारत को बदनाम करना है। सामने आये डोजियर के मुताबिक, चीन, बेल्जियम, जापान, यूक्रेन, बर्मिंघम, दुबई, ऑस्ट्रेलिया, इटली, डेनमार्क और जर्मनी (Denmark and Germany) में पाकिस्तान के दूतावास भारत सरकार द्वारा “कश्मीर के लोगों के उत्पीड़न” को उजागर करते हुए और धारा 370 की बहाली की मांग करते हुए सोशल मीडिया पर मसौदा संदेश ब्रॉडकास्ट कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने देशों में भारतीय दूतावासों के सामने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है, और इस तरह के आयोजनों में हिस्सा लेने के लिये यूरोपीय देशों के सांसदों को भी न्यौता भेजा गया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, स्वीडन (Sweden) में पाकिस्तानी दूतावास ने आज (5 अगस्त 2022) को कश्मीर पर विरोध प्रदर्शन के लिये वहां के सांसदों को न्यौता दिया।
इतना ही नहीं पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर स्वीडिश अखबारों में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की जिम्मेदारी भी दूतावास को दी है। पिछले साल भी कश्मीर एकजुटता दिवस के नाम पर 5 फरवरी को पाकिस्तान ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने के लिये पूरी दुनिया में एक बड़ा अभियान चलाया था।
बीते मई महीने में एक आधिकारिक प्रवक्ता के हवाले से गया कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्रीय कानूनों के विस्तार ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में एक समान समाज की स्थापना की है, जबकि कई कानूनों के कार्यान्वयन से केंद्र शासित प्रदेश में प्रगति और विकास का एक नया युग आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के विस्थापित लोगों, छंब, पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों जैसे समाज के वर्गों को केंद्रीय कानूनों के विस्तार के साथ उचित लाभ मिल रहा है।
5 अगस्त, 2019 को भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा खत्म कर दिया और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर और लद्दाख (Ladakh) में बांट दिया। बाद में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी, जहां याचिकाओं को खारिज कर दिया।