न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): Kisan Andolan: भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने आज (9 नवंबर 2021) उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल इलाकों (Purvanchal areas) में किसान के आंदोलन को तेज करने के लिये केंद्र को चेतावनी दी, उनके मुताबिक लखनऊ में आगामी किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) तीन काले कानूनों के लिये “ताबूत में आखिरी कील” साबित होगी। टिकैत ने ट्विटर पर कहा कि 22 नवंबर को लखनऊ में किसान ‘ऐतिहासिक’ महापंचायत होगी।
टिकैत ने ट्विटकर कहा कि, “लखनऊ में 22 नवंबर को होने वाली किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। किसान विरोधी सरकार और तीन काले कानूनों के ताबूत में ये आखिरी कील साबित होगी। अब पूर्वांचल में भी किसानों का आंदोलन तेज होगा।” इससे पहले टिकैत ने कहा था कि किसान ट्रैक्टरों से दिल्ली की सीमा (Delhi border) पर पहुंचकर 27 नवंबर से आंदोलन को मजबूत करेंगे।
टिकैत ने केंद्र को ये भी चेतावनी दी कि अगर प्रशासन विरोध स्थलों पर किसानों के टेंट को हटाता है तो वे पुलिस स्टेशनों और जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालयों में टेंट लगायेगें। बता दे कि पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर लगाये गये बैरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया, जहां किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों का लगातार विरोध कर रहे थे।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन शुरू होने से लेकर ये रास्ता करीब 11 महीने से ज़्यादा समय तक बंद रहा और यात्री अपनी यात्रा के दौरान असुविधा का हवाला देते रहे हैं। किसान केंद्र सरकार द्वारा अधिनियमित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से अलग अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेताओं और केंद्र ने कई दौर की बातचीत की है लेकिन गतिरोध बना हुआ है।