COVID-19: China ने दी चोट, Tik-Tok ने लगाया मरहम

न्यूज़ डेस्क (शोभित शर्मा): जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारा देश किन परिस्थितियों से गुज़र रहा है। हर तरफ से कोई न कोई, कैसी न कैसी मदद करने का प्रयास भी कर रहा है। इसी के चलते, इस महामारी से लड़ने के लिए हर राज्य की सरकार अपने अपने तरीके से फंड इक्कट्ठा करने में लगी है वहीं, केद्र सरकार ने भी PM Cares Fund का आयोजन किया है लेकिन ख़बर है कि चीन ने भारत को पहले जो चोट दी, अब उसी चोट पर मरहम लगाने की तैयारी कर चुका है।

गौरतलब है इन दिनों मोस्ट पॉपुलर वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक (TikTok) ने 30 करोड़ रुपये PM CARES Fund में डोनेट करने का फैसला लिया है। इस राशि को जमा करने के लिए टिकटॉक ने एक इन ऐप क्विज़ (In-app quiz), ‘खेलोगे आप, जीतेगा इंडिया’ (Kheloge Aap, Jeetega India) नाम से ऑर्गनाइज किया। टिकटॉक का दावा है कि इस क्विज़ के ज़रिए यूज़र कम्यूनिटी एक साथ आगे बढ़कर कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ेगी और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम करेगी।

सोशल नेटवर्किंग सर्विस TikTok (टिकटॉक) ने यूज़र्स के लिए क्विज़ को 11 भाषाओं में आयोजित किया और इस क्विज़ की सबसे दिलचस्प बात ये रही कि सिर्फ पांच दिनों में दुनिया भर से 70 लाख से ज़्यादा यूज़र्स ने इसमें हिस्सा लिया।

टिकटॉक के अधिकारियों की मानें तो लोगों से इस तरह का स्पोर्ट मिलना और यूज़र्स में इस क्विज़ के प्रति इतना उत्साह देख कर हमें भी प्रोत्साहन मिलता है और इसी जोश को ध्यान में रखते हुए हम अब अपनी उम्मीद से 10 गुना ज़्यादा रकम डोनेट करेंगे। PM CARES Fund में हमारी ओर से 30 करोड़ रुपये की धन राशि का सहयोग किया गया है और इसका पूरा श्रेय हमारे यूज़र्स को जाता है जिन्होंने इस कार्य को सफल बनाने में हमारे पूरा साथ दिया।

फरवरी से अब तक TikTok ने लोगों के बीच कोविड-19 के प्रति जागरूकता लाने के लिए कई माध्यमों का सहारा लिया और यही नहीं, लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए टिकटॉक ने MyGov, PIB, WHO, UNDP India और UNICEF India जैसे सहयोगी से भी अपना कन्टेंट साझा किया है।

हालांकि ये कहना गलत नहीं होगा कि टिकटॉक ने कार्य तो सराहनीय किया है, फिर चाहे वो अपने यूज़र्स की मदद से क्यूं ना किया हो लेकिन इतना आप जानते ही होंगे कि ये सोशल नेटवर्किंग ऐप दुनिया भर में इजात की गई किसी और की देन नहीं, बल्कि चीन की ही देन है।

अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि भारत की मदद करने की आड़ में, क्या चीन खुद की ही दी हुई चोट पर मरहम लगाने का काम तो नहीं कर रहा ? या यूं कहें कि टिकटॉक की ये मदद, भारत के लिए चीन की तरफ से एक नई लॉलीपॉप तो नहीं ?

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