आओ तुम्हें मैं प्यार सिखा दूं !

आज से ही रोज़ सुबह और शाम अपनी महबूबा की गली के कम से कम दस चक्कर लगाना शुरू कर दें। एकदम ख़ामोशी से। कभी आते-जाते वह दिख जाय तो उसे नमस्ते कहें और उसके सम्मान में आंखें नीची कर लें। वह नहीं भी दिखे तो क्या, इस चक्कर में आपका स्वस्थ ज़रूर सुधर जाएगा। तन में स्फूर्ति आएगी। भूख भी अच्छी लगेगी। प्यार करने के लिए स्वस्थ रहना ज़रूरी है न ?
उसकी गली में, उसके घर के पास कहीं उसके नाम से एक-दो पेड़ लगा दें। रोज़ चक्कर लगाते वक़्त उसमें पानी डालें ! कहते हैं कि वृक्ष दुनिया की सबसे खूबसूरत प्रेम-पत्र की तरह हैं। आपके प्रेम की यह बेहतरीन अभिव्यक्ति होगी ! पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और तपती गर्मी से लोगों को थोड़ी राहत भी मिलेगी। आपके लगाए पेड़ के साये में वह कभी-कभी आकर बैठेगी तो उसे सलाम करने के मौक़े भी आपके हाथ लगेंगे।
महबूबा की गली के चक्कर लगाते वक़्त सड़कों पर जहां-तहां बिखरे कचरे और पोलिथिन बैग उठाकर पास के कूड़ेदान में डालते चलें। गन्दगी ज्यादा हो तो अपनी नगरपालिका वालों से मिन्नत कर उसकी गली और नालियों की सफाई करा दें ! वह स्वस्थ रहेगी तभी तो आपके लिए उम्मीदों के दरवाजें खुलेंगे !
उसके जन्मदिन पर या परीक्षा में उसकी सफलता पर अगर अवसर मिले तो बाज़ार के महंगे तोहफों के बजाय फलों और फूलों के पौधे, विश्व साहित्य की कालजयी किताबें, ग़ालिब और मीर जैसे शायरों के दीवान या हिंदी कवियों की प्रेम कविताओं के संग्रह भेंट करें। इससे आप उसे भीड़ से अलग नज़र आएंगे और आपकी मानसिक और भावनात्मक विशिष्टता का उसे पता चलेगा।
यह सब कर गुज़रने के बाद किसी दिन मौक़ा देखकर उसके सामने अपने प्यार का इज़हार कर दें ! बहुत एहतराम और विनम्रता से। मेरी दुआ है कि आपका निवेदन स्वीकार हो जाय। अस्वीकृति भी मिले तो उसे शालीनता के साथ स्वीकारें ! मुमकिन है उसकी कोई मजबूरी रही हो। हो सकता है उसे अपने भावी जीवन के लिए आपसे बेहतर कोई साथी मिल गया हो। आप ईश्वर की कोई सर्वश्रेष्ठ रचना तो हैं नहीं। वैसे भी प्यार की सफलता एकाधिकार और दांपत्य में नहीं, उन नाज़ुक़ और बेशकीमती संवेदनाओं में है जिसे आपके व्यक्तितव में भरकर आपके महबूब ने आपको अनमोल कर दिया। सो एकतरफा प्रेम की बेहतरीन यादें समेटिए और उसे कुछ अच्छी दुआओं से नवाज़ते हुए निकल पड़िए अगले सफ़र पर ! क्या पता जीवन ने अपने खज़ाने में कितना-कितना प्यार छुपाकर रखा हो आपके वास्ते।
प्रेम डगर के पथिक मित्रों को शुभकामनाएं !
साभार- ध्रुव गुप्त की फेसुबक वॉल से