न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस ने आज अपना चुनावी घोषणा पत्र (TMC Election Menifesto) जारी कर दिया। इस मौके पर ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की जनता के सामने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान किया। उन्होंने कहा कि- हमारा लक्ष्य हमेशा से ही सबको साथ लेकर चलने का रहा है। मैंने अपनी जिंदगी मातृभूमि और बंगाली अस्मिता के नाम समर्पित कर दी। पश्चिम बंगाल में लोगों की आमदनी बढ़ी है। मजदूरों और किसानों के उत्थान के लिए हमारी पार्टी की लगातार काम करती रही है। टीएमसी ने हमेशा से ही हशिये पर जीने वाले गरीबों को उठाने का काम किया है। हमने जाति, धर्म, मज़हब, कौम और समुदाय से ऊपर उठकर बंगाली जनता के हित को चाह है।
तृणमूल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कई बड़े वादे किये। जिनमें खासतौर से शामिल है, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के गरीब लोगों को सालाना 12000 रूपये का आवंटन, गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को हर साल 6 6000 रूपये की आर्थिक सहायता, घर घर राशन पहुंचाने की सुविधा, छात्रों को दस लाख रूपये की सीमा वाला विशेष क्रेडिट कार्ड, विधवा महिलाओं को एक हज़ार रूपये की पेंशन और पांच लाख रूपये तक की स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Plan) साथी को जारी रखने का वादा इस घोषणा पत्र के अहम बिन्दु रहे।
ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान पश्चिम बंगाल का राजस्व 3 गुना बड़ा है। जब उन्होंने सत्ता संभाली तो बंगाल का राजस्व 25 हजार करोड़ था, जो कि अब बढ़कर 75 हजार करोड़ हो गया है। घोषणा पत्र के बारे में ममता बनर्जी ने पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि ये लोगों के द्वारा लोगों के लिए बनाया हुआ घोषणापत्र है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इस तरह के घोषणा पत्र की दरकार वक्त की जरूरत है
इन चुनावी वादों के साथ ममता बनर्जी ने करीब-करीब सभी वर्गों तक पैठ बनाने की कोशिश की। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति और जनजाति के साथ-साथ बड़ी तादाद में युवा मतदाताओं की संख्या है। जिसके मद्देनजर प्रशांत किशोर की अगुवाई में इस घोषणा पत्र का मसौदा तैयार (Draft of election manifesto) किया गया। अब देखना दिलचस्प रहेगा कि भाजपा की आक्रमक चुनावी रणनीति के सामने टीएमसी का घोषणा पत्र चुनावी नतीजे पर कितना असर डालने में कामयाब रहेगा।