नई दिल्ली (देवव्रत उपाध्याय): दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जिन्हें दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था, को उनकी हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद राउज एवेन्यू जिला कोर्ट में आज (4 मार्च 2023) पेश किया जायेगा। सिसोदिया को दोपहर 2 बजे कोर्ट के सामने पेश किया जायेगा। कोर्ट में पेशी के दौरान सीबीआई सिसोदिया की कस्टोडियल रिमांड (Custodial Remand) की मांग करेगी।
सीबीआई सूत्रों ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी (AAP- Aam Aadmi Party) के पूर्व मंत्री अब भी पूछताछ में टालमटोल कर रहे थे और सहयोग नहीं कर रहे थे। जनवरी में उन्होंने सिसोदिया के ऑफिस से एक कंप्यूटर जब्त किया था। बाद में पता चला कि कंप्यूटर से फाइलें और अन्य डेटा डिलीट कर दिये गये। इसके बाद सीबीआई ने कंप्यूटर को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL- Forensic Science Laboratory) में डिलीट की गयी फाइलों को वापस लाने के लिये भेजा। अब एफएसएल ने उन्हें रिपोर्ट देकर कंप्यूटर से डिलीट की गयी पूरी फाइलों को फिर से बरामद कर लिया है।
इसके अलावा सिसोदिया का सामना एक आईएएस अधिकारी के बयान से भी हुआ, जिसने उनके खिलाफ सरकारी गवाह बन कर सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उनका बयान दर्ज कराया। बता दे कि अपनी गिरफ्तारी के ठीक एक दिन बाद सिसोदिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) जो कि इस वक्त जेल में हैं और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के पद पर थे, ने भी उनके साथ इस्तीफा दे दिया।
सीबीआई ने रिमांड दस्तावेजों में आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy Scam) में अहम भूमिका निभायी थी।
मामले पर नाम ना बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने टेंड्री न्यूज को बताया कि- “आबकारी नीति के मामले में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सिसोदिया की ओर कुछ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिये बदल दी गयी थी। ये भी आरोपी विजय नायर (Vijay Nair) के जरिये किया गया था, उन्होंने दक्षिण भारत से चलाये जा रहे समूह से 100 करोड़ रुपये इकट्ठा किये थे। शराब नीति के माध्यम से उन्हें ज्यादा फायदा होगा। हवाला चैनल के जरिये 100 करोड़ रुपये की पेमेंट की गयी थी, जिसे हमने ट्रेस किया है। हमें पता चला है कि सितंबर से अक्टूबर 2021 के बीच सिसोदिया ने लगभग 14 सेलफोन और चार सिम कार्ड बदले। सेल फोन बदलने का मकसद सबूतों को मिटाने के अलावा और कुछ नहीं था। सिसोदिया के सचिव देवेंद्र शर्मा (Devendra Sharma) ने ये सभी मोबाइल फोन मुहैया कराये थे, इस मामले में उनका बयान हमारे पास है।”
गौरतलब है कि सीबीआई ने पहले ही सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है और वो मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने के लिये अब पूरी तरह तैयार हैं।