Solar Eclipse: आज लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिये इससे जुड़ी अहम बातें

न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): आज साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगेगा। जिसके तहत खंडग्रास दोपहर 1 बजकर 42 मिनट 30 सेकेंड पर शुरू होगा। ग्रहण का मोक्ष काल श्याम 6बजकर 41 मिनट 1 सेकंड पर होगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसे उत्तरी अटलांटिक सागर, उत्तर पूर्व अमेरिका, यूरोप और उत्तरी एशिया में देखा जा सकेगा। खास बात ये है कि आज शनि जयंती और वट सावित्री व्रत के अवसर पर ये ग्रहण लग रहा है।

ये ग्रहण वृष राशि और मृग शिरा नक्षत्र (Mrigashira constellation) में लगेगा। चंद्र ग्रहण के करीब 15 दिनों के भीतर ये दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार बेहद कम समय के भीतर को दो ग्रहणों का लगना बेहद अशुभ माना जाता है। ऐसे में सभी राशियों के जातकों पर ग्रहण का असर पड़ना लगभग तय माना जा रहा है। जिन इलाकों में ग्रहण देखा जाएगा, वहां सूर्य नारायण की आकृति एक अंगूठी या छल्ले की भांति दिखाई देगी।

ग्रहण पूर्ण रूप से भारत में नहीं लगेगा। इसीलिये किसी तरह का सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस दौरान पूजा-पाठ और दानपुण्य पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होगी। साथ ही आज धृति और शूल योग भी बनेंगे।

भारत में यहां दिखेगा सूर्यग्रहण (Solar Eclipse)

भारत में अरूणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में सूर्य ग्रहण साफ तौर पर देखा जा सकेगा। खास बात ये भी है कि भारत में ऐसा दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग (Rare Astrological Coincidence) 148 साल बाद आया है। जब शनि जयंती के मौके पर सूर्य ग्रहण लगेगा। हिंदू धार्मिक मान्यताओं में सूर्य देव और शानिदेव को पिता-पुत्र बताया गया है। सूर्यदेव द्वारा माता छाया के परित्याग के बाद से ही सूर्य और शनि के बीच मतभेद और अलगाव की कथा जगज़ाहिर है।

सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) के दौरान निषेध कार्य

  • सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी और तुलसी दलों को स्पर्श करना वर्जित है।
  • इस दौरान सोने से बचना चाहिये खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान के श्री विग्रह को छूना और पूजना पूरी तरह वर्जित है।
  • ग्रहण की समयावधि के दौरान खाना बनाना और खाना दोनों ही वर्जित है।
  • ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के पवित्र और मांगलिक कार्य का शुभारंभ नहीं करना चाहिये।
  • ग्रहण की अवधि के दौरान कंघी करना, बाल संवारना, कैंची चलाना, ऊन की बुनाई, वस्त्र बनाना, नए वस्त्र पहनना वाहन चलाना और नित्य क्रिया जैसे कार्यों को ना करने की ज्योतिषीय सलाह भी दी जाती है।
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