न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): Ganga Dussehra 2023: हिंदू धर्म में मां गंगा की महिमा का बहुत बखान किया गया है। शास्त्रों में गंगा को ‘पतित पावनी’ कहा गया है। इसका मतलब है कि गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से सभी पापों का नाश होता है और पापी भी इस लोक में सभी दोषों से मुक्त हो जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ही महाऋषि भगीरथ (Maharishi Bhagirath) ने अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिये मां गंगा को धरती पर लाये थे। इसलिए गंगा के धरा पर अवतरण दिवस को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन पवित्र गंगा में डुबकी लगाने वाले भक्त के सारे पाप-कर्मों का नाश होता है और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान का विशेष महत्व है। यदि आप इस दिन गंगा में स्नान करने नहीं पहुंच पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल (Gangajal) डालकर स्नान करने से गंगा में डुबकी लगाने के समान फल प्राप्त होगा। इस बार गंगा दशहरा 30 मई 2023 दिन मंगलवार को मनाया जायेगा।
हिंदू धर्म में मां गंगा की महिमा का बहुत बखान किया गया है। शास्त्रों में गंगा को ‘पतित पावनी’ कहा गया है। इसका मतलब है कि गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और पापी भी इस लोक में दोष से मुक्त हो जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ही ऋषि भगीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए मां गंगा को धरती पर लाए थे। इसलिए गंगा के धरा पर अवतरण दिवस को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन पवित्र गंगा में डुबकी लगाने वाले भक्त के सारे पाप-कर्मों का नाश होता है और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान का विशेष महत्व है। यदि आप इस दिन गंगा में स्नान करने नहीं पहुंच पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करने से गंगा में डुबकी लगाने के समान फल प्राप्त होगा। इस बार गंगा दशहरा 30 मई 2023, दिन मंगलवार को मनाया जायेगा…
शुभ योग
गंगा दशहरा पर रवि और सिद्धि योग (Siddhi Yoga) का संयोग बन रहा है। साथ ही इस दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि (Cancer Zodiac Sign) में प्रवेश करेंगे। इस दिन रवि योग पूरे दिन रहेगा। साथ ही सिद्धि योग की शुरुआत 29 मई को रात 9 बजकर 01 मिनट पर होगी और इसका समापन 30 मई को रात 8 बजकर 55 मिनट तक होगा।
पूजन विधि
गंगा दशहरा के दिन पवित्र नदी में डुबकी लगानी चाहिये। आप किसी तालाब या अपने आस–पास स्थित नदी में भी डुबकी लगा सकते हैं और साथ ही स्नान करते समय ऊँ नमः शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का जाप करें। गंगा स्नान के बाद ‘ऊँ नमः शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा’ मंत्र का जाप करते हुए हवन करें। अगर आप घर पर हैं तो इस दिन नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। गंगा दशहरा के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन दान में दी जाने वाली चीजों की संख्या 10 होनी चाहिये। साथ ही पूजा में आप जिन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं वो भी 10 ही होनी चाहिये।
महत्व
गंगा दशहरा के इस महापर्व को सनातन धर्म में धरती पर मां गंगा के आगनम की तिथि के रूप में मनाया जाता है। गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान के बाद मां गंगा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की भी कृपा प्राप्त होती है। दशहरा का मतलब है 10 विकारों का नाश, इसलिये गंगा दशहरा के दिन शुद्ध मन से गंगा नदी में डुबकी लगाने से मनुष्य के समस्त पाप धुल जाते हैं।
गंगा दशहरा पर रवि और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। साथ ही इस दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन रवि योग पूरे दिन रहेगा। साथ ही सिद्धि योग की शुरुआत 29 मई को रात 9 बजकर 01 मिनट पर होगी और इसका समापन 30 मई को रात 8 बजकर 55 मिनट तक होगा।