नई दिल्ली (गणेश चौधरी): हमारे देश में फाइनेंशियल प्रॉब्लम के चलते ज़्यादातर लोग व्यवसाय करने की बजाय गुजारा करने के लिए नौकरी करते है। ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में युवा पढ़ाई खत्म करने के बाद नौकरी के लिए जूझते है। गलाकाट प्रतियोगिता भरे आज के माहौल में नौकरी हासिल करने के लिए सिर्फ डिग्री ही काफी नहीं है। डिग्री हासिल करना तो जीवन का एक पक्ष इसके साथ आपको दूसरी कई चीज़ों में भी महारत हासिल करनी होगी, जो कि नौकरी दिलाने में मददगार साबित होते है। अगर आप लोग नौकरी की तलाश में है या फिर कई बार इन्टरव्यूह दे चुके है आपके हाथ हमेशा नाकामयाबी लग रही है तो,ऐसे में हम आपको कुछ Tips दे रहे ये आपकी मदद Interview Crack करेगें।
- परिचय (Introduction): “First Impression Is The Last Impression” मतलब किसी के सामने आप खुद को पहली बार जिस तरह भी पेश करते है। उसका असर सामने वाला पर ताउम्र रहता है। ऐसे में आप अपना परिचय इन्टरव्यूह पैनल के सामने दमदार तरीके से दे। ये पहला हथियार है, जिसके दम पर इन्टरव्यूह क्रैक करने की आधी जंग जीती जा सकती है।
- आत्मविश्वास (Confidence): तमाम हथियारों और कारगर रणनीतियों के बावजूद अगर जंगबाज़ में आत्मविश्वास की कमी है तो लड़ाई में उसकी हार तय होती है। ठीक इसी तरह इन्टरव्यूह के दौरान आत्मविश्वास की अहमियत होती है। आप जो भी बोले उसमें आपका आत्मविश्वास झलकना चाहिए। इन्टरव्यूह के दबाव की शिकन आपके चेहरे पर नहीं आनी चाहिए।
- अंग्रेजी में बातचीत (Conversation in English): वैश्विक बाज़ार और वक्त की जरूरत के मुताबिक अंग्रेजी की अहमियत को कोई नाकार नहीं सकता। कोशिश करें कि इन्टरव्यूह पैनल से अंग्रेजी में बात करते हुए अच्छे और भारी शब्दों का इस्तेमाल करे। अगर इन्टरव्यूह के दौरान पैनलिस्ट हिन्दी में बात करना शुरू कर दे तो बेझिझक आप उनसे हिन्दी में ही मुखातिब हो।
- बात मनवाने की क्षमता (Convincing Skills): नौकरी के इन्टरव्यूह के दौरान आपका सामना कई लोगों से होगा। जिनके पास आपसे ज़्यादा अनुभव और क्षमतायें होगी। ऐसे में आपको घबराना नहीं चाहिए। इन हालातों में काम आता है कन्वेसिंग स्किल आप किसी को अपनी बातों का इतना कायल कर दे कि, वो आपकी बात मनाने को तैयार हो जाये। इसके लिए मनोवैज्ञानिक तकनीकें काम आती है, जिससे कि आप इन्टरव्यूवरर अवचेतन मन पर अपनी छाप छोड़ सके।
- सभ्य व्यवहार (Polite Behavior): इस गुण की काफी अहमियत होती है। कभी-कभी देखने में आता है कि इन्टरव्यूह पैनलिस्ट जानबूझकर आपको किसी मसले पर उकसा सकते है या नीचा दिखा सकते है। ऐसा करके वो आपके आत्मसंयम की परख करते है। ऐसे हालातों में सभ्य व्यवहार के साथ उनकी बातों का तर्कपूर्ण ज़वाब देना आपकी क्षमता को एक अलग ही पहचान दिलाता है।
ये कुछ टिप्स है, जिनका इस्तेमाल करके नौकरी हासिल की जा सकती है।