और आखिरकार उन्हें केंद्र सरकार (Central government) के लिए काम करने का इनाम मिल ही गया। गृह मंत्रालय (Ministry of home affairs) की मंजूरी मिल चुकी है, अब वे भारतीय संसद (Indian parliament) के ऊपरी सदन (Upper House) में बतौर सदस्य अपनी भूमिका निभाएंगे। भारतीय लोकतंत्र (Indian democracy) के सबसे अहम स्तंभ न्यायपालिका (Judiciary) के सर्वेसर्वा रहते हुए, उन्होंने जी हुजूरी करने की बेहतरीन मिसाल पेश की। साथ ही उन्होंने उस रवायत को भी कायम रखा, जहां लोकतंत्र से समझौता और संविधान से खिलवाड़ करने पर इनाम दिया जाता है। देश किस दिशा में जा रहा है। देश नीलामी के कगार पर है। हर मिनट संवैधानिक पदों (Constitutional posts) पर बैठी जोकें देश को लूट रही हैं, संविधान को खोखला करने में मस्त है। और हम लोग बतौर आम नागरिक हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए इन हालातों का आनंद ले रहे हैं।
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