नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): इंफेक्शन से बचाव के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी आरोग्य सेतु एप को तुरुप का इक्का बताया गया। इस ऐप की मदद से इंफेक्टेड लोगों की पहचान, वायरस के रोकथाम से जुड़ी जानकारियां और किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता आम जनता तक पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि कुछ समय पहले ये ऐप काफी विवादों में रही। राहुल गांधी ने इसे मोदी सरकार की ओर से जनता पर थोपा गया सर्विलांस सिस्टम (Surveillance system) बताया। साथ ही कांग्रेस की ओर से दावा किया गया कि, केंद्र सरकार ऐप द्वारा लोगों की निजता और गोपनीयता का हनन कर रही है। ऐप से मिलने वाले आंकड़ों का इस्तेमाल सरकार सियासी फायदे के लिए करेगी। राहुल गांधी की ओर से दावा किया गया कि, ऐप से जुड़ा तकनीकी नियंत्रण थर्ड पार्टी को आउट सोर्स किया गया है। ऐप को लेकर कुछ ऐसा ही दावा फ्रांसीसी एथिकल हैकर इलियट (French Ethical Hacker Elliot) ने भी किया।
TNN ने ऐप की सक्रियता और सटीकता की जांच की, और पाया कि आरोग्य सेतु ऐप को भी वायरस इंफेक्शन हो गया है। TNN की technical team ने कई दफ़ा ऐप लॉग इन करने की कोशिश की। लेकिन हर बार ऐप there is some error logging you in दिखाने लगा। काफी कोशिशों के बाद भी ऐप डिवाइस में लॉग-इन नहीं हो पाया। फिलहाल App की Maintenance और upgradation का जिम्मा National Informatics Centre के पास है।
Pandemic के माहौल में 130 करोड़ की आबादी वाले इस देश में, जिस ऐप पर वायरस की रोकथाम करने का दारोमदार है वहीं साथ छोड़ती दिखी। देशभर में फैली Medical Emergency के इस माहौल में अगर सरकारी महकमें के अधिकारी संजीदगी से काम नहीं करेगें तो कब करेगें। आमतौर पर सामान्य दिनों में ही सरकारी वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर अक्सर सुस्त पड़े रहते है। ज़ाहिर तौर पर तकनीकी खामी बोलकर जल्द ही इसे ठीक करने का दावा कर मामले से पल्ला झाड़ लिया जायेगा। लेकिन तब तक ना जाने कितने लोग इसकी सुविधा हासिल ना होने के कारण इंफेक्शन का शिकार बन चुके होगें। मौजूदा मामला App के कारगर होने को लेकर कई बड़े सवालिया निशान लगाता है।