Tripura Assembly Election Results: बेहद करीबी मुकाबले में बीजेपी आगे, शुरुआती रुझानों में माणिक साहा को बढ़त

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): त्रिपुरा (Tripura) विधानसभा चुनाव के लिये आज (2 फरवरी 2023) सुबह हुए मतगणना के ताजा रुझानों के मुताबिक, सत्तारूढ़ भाजपा 3 सीटों पर, कांग्रेस 2 सीटों पर और सीपीआईएम (CPIM) 1 सीटों पर आगे चल रही है। सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर 4 सीटों के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मुख्यमंत्री और टाउन बारडोवली से बीजेपी उम्मीदवार माणिक साहा (Manik Saha) कांग्रेस के आशीष कुमार साहा से 344 वोटों से आगे चल रहे हैं।

रामनगर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार सुरजीत दत्ता निर्दलीय उम्मीदवार पुरुषोत्तम रॉय बर्मन से 1,355 वोटों से आगे चल रहे हैं। बीजेपी की मीना रानी सरकार ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (All India Forward Bloc) के पार्थ रंजन सरकार से 1,540 वोटों से आगे चल रही हैं।

पबियाचारा सीट (Pabiachara Seat) से कांग्रेस उम्मीदवार सत्यबन दास बीजेपी के भगवान चंद्र दास से 90 वोटों से आगे चल रहे हैं। माकपा उम्मीदवार नयन सरकार (CPI (M) candidate Nayan Sarkar) बामुटिया सीट से कृष्णधन दास से 12 वोटों से आगे चल रहे हैं। वोटों की गिनती आज सुबह आठ बजे शुरू हुई। त्रिपुरा में भाजपा ने साल 2018 में सूबे को वाम दलों से छीनकर इतिहास रचा था। एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे होगी या बहुमत हासिल करेगी।

मतगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिये चुनाव आयोग (Election Commission) ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), त्रिपुरा स्टेट राइफल (TRS) और त्रिपुरा पुलिस की तैनाती के साथ त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं और चौबीसों घंटे 30 वाहनों से गश्त लगातार की जा रही है, जिसमें सीआरपीएफ के अधिकारी तैनात है। मतगणना 21 मतगणना केंद्रों पर हो रही है। चुनाव आयोग ने 60 चुनाव पर्यवेक्षक राज्य में तैनात किये हैं।

पूर्वोत्तर राज्य ने कांग्रेस और सीपीआईएम में त्रिकोणीय मुकाबला देखा, जो सालों से कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, ने सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिये चुनाव पूर्व गठबंधन किया। जबकि बीजेपी ने इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT- Indigenous People’s Front of Tripura) और तिपरा मोथा के साथ चुनावी साझेदारी की है, माना जा रहा है कि ये तीनों त्रिशंकु विधानसभा परिदृश्य के मामले में किंगमेकर होगें। इस गठबंधन को सत्ता करने में मदद करने के लिये प्रभावशाली क्षेत्रीय पार्टी के रूप में उभरी शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा (Royal scion Pradyot Kishore Debbarma) की पार्टी का भी साथ मिला है, जिसे साल 2021 में बनाया गया था।

60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में बहुमत का निशान 30 है और एग्जिट पोल ने राज्य में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भाजपा के लिये स्पष्ट बढ़त की भविष्यवाणी की है। भाजपा ने साल 2018 से पहले त्रिपुरा में एक भी सीट नहीं जीती थी, आईपीएफटी के साथ गठबंधन में पिछले चुनाव में सत्ता में आयी और 1978 से 35 सालों तक सीमावर्ती राज्य में सत्ता में रहे वाम मोर्चे को सत्ता से बेदखल कर दिया।

बीजेपी (BJP) ने 55 सीटों पर और उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन दोनों सहयोगियों ने गोमती जिले के अम्पीनगर (Ampinagar in Gomti district) निर्वाचन क्षेत्र में अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेफ्ट ने क्रमश: 47 और कांग्रेस ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा था। कुल 47 सीटों में से CPM ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि फॉरवर्ड ब्लॉक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा।

साल 2018 के चुनाव में बीजेपी ने विधानसभा की 36 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसे 43.59 फीसदी वोट मिले थे। सीपीआई (एम) ने 42.22 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 16 सीटें जीतीं। आईपीएफटी ने आठ सीटें जीतीं और कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल सकी। CPI-M की अगुवाई वाले वाम मोर्चे ने लगभग चार दशकों तक राज्य पर शासन किया, साल 1988 और 1993 के बीच के अंतराल के साथ जब कांग्रेस सत्ता थी, लेकिन अब दोनों दलों ने भाजपा को सत्ता से बाहर करने के इरादे से हाथ मिला लिया।

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