न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): पुलिस पर मूक दर्शक होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने आज (11 मार्च 2023) त्रिपुरा (Tripura) के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाले कांग्रेस-वाम मोर्चे के प्रतिनिधिमंडल पर हमले की कड़ी निंदा की। उन्होनें ट्विट कर लिखा कि- “त्रिपुरा के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले कांग्रेस-वाम मोर्चे के प्रतिनिधिमंडल (Congress-Left Front delegation) पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं, पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। हम भाजपा के गुंडों से कभी नहीं डरेंगे और हर बार उनके अलोकतांत्रिक और कायरतापूर्ण व्यवहार के खिलाफ खड़े होंगे।”
कांग्रेस नेता ने ट्वीट के साथ कथित हमले का वीडियो भी साझा किया। इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस और वाम मोर्चा के सांसदों की संयुक्त टीम जो कि चुनाव के बाद हिंसा के प्रभावित परिवारों से मिलने के लिये बिशालगढ़ (Bishalgarh) की यात्रा पर थी, पर भीड़ ने कथित तौर पर हमला किया था।
मामले पर जयराम रमेश (Jai Ram Ramesh) ने ट्वीट किया कि, “कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल पर आज त्रिपुरा के विशालगढ़ और मोहनपुर (Mohanpur) में भाजपा के गुंडों ने हमला किया। प्रतिनिधिमंडल के साथ जा रही पुलिस ने कुछ नहीं किया। और कल भाजपा (BJP) वहां एक विजय रैली कर रही है। ये भाजपा प्रायोजित हिंसा की जीत है।”
कांग्रेस के मुताबिक विशालगढ़ के नेहलचंद्रनगर (Nehalchandranagar) में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस और वाम मोर्चा के सांसदों पर हमला किया, इस दौरान कई कारों में तोड़फोड़ की गयी।
कांग्रेस ने ट्वीट किया कि, “कांग्रेस और वाममोर्चा के सांसदों ने मोहनपुर में भाजपा के गुंडों की ओर से हमला किये गये लोगों से मुलाकात की।”
मामले पर त्रिपुरा कांग्रेस प्रमुख बिराजित सिन्हा (Tripura Congress Chief Birjit Sinha) ने कहा कि “एमपी अब्दुल खालिक, एआईसीसी प्रभारी अजॉय कुमार और अन्य वामपंथी नेताओं पर ये कथित हमला किया गया था, जब वो त्रिपुरा में चुनाव के बाद की हिंसा के शिकार परिवारों से मिलने के लिये बिशालगढ़ गये थे”
सिन्हा आगे ने कहा कि कथित हमले के दौरान मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मी मूक दर्शक बने रहे। बता दे कि भाजपा पूर्ण बहुमत से जीतकर राज्य की सत्ता में लौटी है। भारत के चुनाव आयोग के मुताबिक, भाजपा ने लगभग 39 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 32 सीटें जीतीं। टिपरा मोथा पार्टी 13 सीटें जीतकर दूसरे पायदान पर काब़िज रही। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को 11 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस को तीन सीटें मिलीं। इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने एक सीट जीतकर अपना खाता खोलने में कामयाबी हासिल की।