एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का एक शीर्ष कमांडर पूर्वी अफगानिस्तान में हुए ड्रोन हमले में कथित तौर पर बाल-बाल बच गया। हमला मौलवी फकीर मोहम्मद (Maulvi Fakir Mohammad) पर उस वक़्त हुआ, जब एक हफ़्ते पहले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा महीने भर के लिये एकतरफा संघर्ष विराम का ऐलान किया गया। उस दौरान टीटीपी ने इमरान खान सरकार (Imran Khan government) पर शांति वार्ता भंग करने का आरोप लगाया था।
पाकिस्तानी अखबार डेली पाकिस्तान ने पेरिस स्थित एक एजेंसी के हवाले से बताया कि टीटीपी के एक वरिष्ठ सदस्य को निशाना बनाते हुए कुनार इलाके में एक गेस्टहाउस कंपाउड़ में ड्रोन से हमला (Drone Attack) किया गया। हालांकि इस दौरान मिसाइल धमाका करने में नाकाम रही। जिसके बाद टीटीपी का वरिष्ठ नेता बाल-बाल बच गया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जब ड्रोन ने मिसाइल दागी तो टीटीपी कमांडर परिसर से करीब तीन मीटर की दूरी पर था।
इस साल की शुरुआत में तालिबान ने टीटीपी कमांडर (TTP Commander) को अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद रिहा कर दिया था। इससे पहले उसने कथित तौर पर बगराम जेल में आठ साल बिताये थे। एक थिंक टैंक के मुताबिक चरमपंथी गुटों (Extremist Groups) के साथ बातचीत करने के पाकिस्तान के प्रयासों बड़ा धक्का लग सकता है। इसके गंभीर सुरक्षा नतीज़े निकलेगें क्योंकि इस तरह की कार्रवाइयों को कमजोरी के तौर पर देखा जाता है।
इस मामले पर सेंटर फॉर पाकिस्तान एंड गल्फ स्टडीज (Center for Pakistan and Gulf Studies) थिंक टैंक के प्रमुख सेहर कामरान ने कहा कि- सबसे पहले प्रतिबंधित संगठन के रूप में टीएलपी के नाम को हटाने से देश में एक खतरनाक मिसाल कायम हुई है, क्योंकि ये मामला इस्लामाबाद के हिंसक विरोध मार्च के कुछ दिनों बाद सामने आया। ये अज़ीब कदम सिर्फ चरमपंथियों और राज्य विरोधी को मजबूती देगा।