नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास ने फ्रांस (Franch) के अधिकारियों से अनुरोध किया है कि, वे लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा की बहन को फ्रांस में अस्थायी निवास की इज़ाजत दें, जो अपनी बीमार सास को देखने के लिए फ्रांस में मौजूदा है। फ्रांस स्थित पाकिस्तानी दूतावास के मुताबिक, फ्रांस में रह रहे निर्वासित पाक नागरिकों की लिस्ट में उन्हें पूर्व आईएसआई चीफ़ लेफ्टिनेंट अहमद शुजा पाशा (Former ISI Chief Lieutenant Ahmed Shuja Pasha) की बहन का नाम पाया है। जिसके बाद पाक दूतावास ने फ्रेंच अधिकारियों से उन्हें सुविधा अनुसार प्रवास देने की मांग की है। शुजा पाशा की बहन वहां अपनी बीमार सास की देखरेख कर रही है।
हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (President Emmanuel Macron) की कार्रवाई कट्टर इस्लामी ताकतों को दबाने की कार्रवाई पर टिप्पणी की थी। ज़वाबी कार्रवाई में पेरिस ने 183 पाकिस्तानियों का वीज़ा आवेदन खाऱिज कर दिया था। इसके साथ फ्रांसीसी आव्रजन विभाग अवैध रूप से फ्रांस में रह रहे पाकिस्तानियों पर सख़्त कार्रवाई कर रहा है। पाकिस्तानी महावाणिज़्य दूतावास (Pakistani Consulate General) के मुताबिक ये बदले की कार्रवाई है। उन पाकिस्तानियों को ज़बरन फ्रांस से बाहर किया जा रहा है, जो सही दस्तावेज़ों के आधार पर फ्रांस में रह रहे है। फिलहाल दूतावास पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अस्थायी प्रवास के लिए दरख्वास्त कर रहा है। जिसके लिए वो फ्रेंच आव्रजन और नागरिकता प्राधिकरण (French Immigration and Citizenship Authority) से सम्पर्क बनाये हुए है।
बीते महीने स्कूल शिक्षक सैमुअल पैटी की हत्या 18 वर्षीय किशोर ने कर दी थी। घटना पेरिस के बाहरी इलाके में हुई। जहां एक कक्षा के दौरान पैंगबर मोहम्मद की आपत्तिजनक तस्वीर क्लास में शिक्षक द्वारा दिखाई गयी। जिसके बाद किशोर ने शिक्षक का सिर काट दिया। जिसके बाद फ्रांस ने इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ मुहिम छेड़ने का संकल्प लिया। अब फ्रांस की लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियां चरमपंथी मुस्लिम समूह (Extremist muslim groups) पर लगातार दबाव बना रही है। सैमुअल पैटी के मौत के बाद पेरिस के सोर्बोन विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान उन्हें मरणोपरांत फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान लीजन डी’होनूर दिया गया।
राष्ट्रपति मैक्रॉन की मौजूदा कार्रवाई से पाकिस्तान और तुर्की बौखलाये हुए है। जिसकी वज़ह से ज़ुबानी हमलों का दौर उफान पर है। सीएनएन से हुई खास बातचीत में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने मैक्रॉन को आड़े हाथों लेते हुए कहा- उन्हें इस्लाम और मुस्लिमों के क्या समस्या है। उन्हें (राष्ट्रपति मैक्रॉन) दिमागी इलाज़ की जरूरत है। वो एक ऐसे मुल्क के रहबर है, जिनकी धार्मिक स्वतंत्रता में आस्था नहीं है। अपना मुल्क की अलग-अलग कौमों के कई लाख लोगों के साथ उन्होनें ज़्यादती की है।
अपने आवाज़ बुलन्द करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि- मैक्रॉन साज़िशन इस्लाम और मुस्लिमों के खिलाफ चेहरा बनते जा रहे है। वो जानबूझकर दुनिया भर के मुसलमानों को भड़का रहे है।
मौजूदा हालातों के देखते हुए राष्ट्रपति इमरान खान सभी मुस्लिम देशों को लामबंद करने के लिए खत तक लिखा डाला। इस मसले पर उन्हें ट्विट कर लिखा कि- सभी मुस्लिमों देशों को मैनें गैर-मुस्लिम देशों में बढ़ते इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए खत लिखा। खासतौर से पश्चिमी मुल्कों में ये लगातार बढ़ रहा है।
इसके अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की फ्रांस के प्रति बौखलाहट बीते 25 अक्टूबर को भी देखी गयी। जब इमरान खान ने लगातार चार ट्विट करके पेरिस पर निशाना साधा था।