न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): काबुल (Kabul) से 87 भारतीय रविवार की तड़के दिल्ली पहुंचे। भारतीय वायु सेना के एक सैन्य परिवहन विमान में सवार थे और समूह को आज तड़के मध्य एशियाई शहर से एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान में दिल्ली वापस लाया गया। बता दें कि इस समूह को शनिवार को ताजिकिस्तान (Tajikistan) की राजधानी दुशांबे (Dushanbe) ले जाया गया था, जहां से वे राष्ट्रीय राजधानी में उतरे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने और जानकारी देते हुए ट्वीट किया था कि एयर इंडिया की फ्लाइट में दो नेपाली नागरिक भी सवार होकर भारत आ रहे हैं।
बागची ने लगभग 1:20 बजे ट्वीट किया, “अफगानिस्तान से भारतीयों को घर ला रहे है! AI 1956 87 भारतीयों को लेकर ताजिकिस्तान से नई दिल्ली के लिए प्रस्थान कर रहा है। दो नेपाली नागरिकों को भी निकाला गया। हमारे दूतावास @IndEmbDushanbe द्वारा सहायता और समर्थन किया गया।”
उन्होंने कहा कि यात्रियों को पहले काबुल से भारतीय वायुसेना के एक विमान से निकाला गया था।
दोहा से एक इंडिगो (Indigo) की उड़ान भी आज सुबह दिल्ली में उतरी, हालांकि, विमान में भारतीय यात्रियों की संख्या का अभी पता नहीं चला है। कतर में भारतीय दूतावास ने अलग से कहा कि पिछले कुछ दिनों में काबुल से दोहा निकाले गए 135 भारतीयों को भारत भेजा जा रहा है।
दूतावास ने मध्यरात्रि के बाद के एक ट्वीट में कहा, "135 भारतीयों का पहला जत्था, जिन्हें पिछले दिनों काबुल से दोहा ले जाया गया था, आज रात भारत वापस लाया जा रहा है।"
गौरतलब है कि दूतावास के अधिकारियों ने भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए कांसुलर और रसद सहायता (logistics assistance) प्रदान की।
रविवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने पुष्टि की कि, एक भारतीय वायु सेना (IAF) काबुल से 168 निकासी के साथ विशेष प्रत्यावर्तन उड़ान, जिसमें 107 भारतीय नागरिक शामिल हैं, नई दिल्ली के रास्ते में है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि फ्लाइट आज बाद में गाजियाबाद के हिंडन आईएएफ बेस पर उतरेगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, "निकासी जारी है! 107 भारतीय नागरिकों सहित 168 यात्रियों के साथ IAF की विशेष प्रत्यावर्तन उड़ान काबुल से दिल्ली के रास्ते में है।"
सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत को अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए काबुल से प्रतिदिन दो उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी गई है।
यह अनुमति अमेरिकी और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) बलों द्वारा दी गई थी, जो 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी तालिबान (Taliban) के हाथों में पड़ने के बाद हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन को नियंत्रित कर रहे थे।
तालिबान द्वारा काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद भारत ने भारतीय वायुसेना के दो सी-17 भारी-भरकम परिवहन विमानों में काबुल में अपने दूतावास के भारतीय दूत और अन्य कर्मचारियों सहित 200 लोगों को पहले ही निकाल लिया है।
पहली निकासी उड़ान द्वारा सोमवार को 40 से अधिक लोगों को वापस लाया गया, जिनमें ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मचारी थे।
दूसरे सी-17 विमान ने मंगलवार को काबुल से भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों और कुछ फंसे भारतीयों सहित लगभग 150 लोगों को निकाला।
अमेरिकी सेना की वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने इस महीने काबुल सहित लगभग सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया है। करीब 200 भारतीयों को निकालने का मिशन अमेरिका के सहयोग से पूरा किया गया।
MEA ने कहा कि सरकार की तत्काल प्राथमिकता अफगानिस्तान में वर्तमान में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना है।
इसने भारतीयों के साथ-साथ उनके नियोक्ताओं से विशेष अफगानिस्तान सेल के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करने का भी अनुरोध किया।
पहले के एक अनुमान के अनुसार, अफगानिस्तान (Afghanistan) में फंसे भारतीयों की संख्या लगभग 400 हो सकती है और भारत अमेरिका और अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय करके उन्हें निकालने के तरीकों पर विचार कर रहा है।