एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने आज (3 जनवरी 2022) सुबह तड़के कई ड्रोनों हमलों को इंटरसेप्ट मिसाइलों (Intercept Missiles) की मदद से नाकाम कर दिया। मामले पर संयुक्त अरब अमीरात की सेना ने कहा कि हाल के हफ्तों में ये इस तरह का चौथा हमला। ड्रोन हमले का निशाना दुबई और आबूधाबी था। फिलहाल ये साफ नहीं है कि हमले के लिये ड्रोन किसने और कहां से लॉन्च किये, लेकिन शक की सुई यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों (Iran-Backed Houthi Rebels) पर आकर रूक जाती है।
हूतियों ने संयुक्त अरब अमीरात पर कई ड्रोन और मिसाइल हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसने यमन के 7 साल पुराने गृहयुद्ध को और गहराते हुए क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा दिया है। अमीराती रक्षा मंत्रालय (Emirati Ministry of Defence) ने ट्विटर पर बुधवार देर रात जारी बयान में कहा कि उन्होनें तीन ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया है, जिन्होंने संयुक्त अरब अमीरात को निशाना बनाया था। ये हमला आबादी वाले इलाके के दूर हुआ।
हूती सऊदी के अगुवाई वाले सैन्य गठबंधन (Military Alliance) से जूझ रहे हैं, साल 2015 में हूती विद्रोहियों के यमन की राजधानी सना पर कब़्जा करने के बाद से संयुक्त अरब अमीरात लगातार उन पर पीछे हटने के लिये सैन्य दबाव बना रहा है। जंग पिछले महीने पहली बार अमीरात की धरती पर पहुंची, जब हूतियों ने सऊदी पर ड्रोन और मिसाइल दागे। अमेरिका और अमीराती सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से पिछले दो हवाई हमलों को इंटरसेप्ट किया है, जिसमें इस हफ़्ते की शुरुआत में इस्राइली राष्ट्रपति (Israeli President) ने खाड़ी अरब देश का अपना ऐतिहासिक दौरा शुरू किया था।
बता दे कि जनवरी के मध्य किये गये एक हमले में भारत और पाकिस्तान के तीन श्रमिकों की मौत हो गयी थी और छह अन्य लोग घायल हो गये। गुरुवार (3 जनवरी 2022) को लॉन्च किये गये किसी भी ड्रोन हमले पर यमन के हूतियों की ओर से तुरन्त कोई टिप्पणी नहीं की गयी। हालांकि विद्रोही समूह के मीडिया कार्यालय ने ‘ट्रू प्रॉमिस ब्रिगेड’ नामक एक अज्ञात समूह के बारे में दावा किया। अपने दावे में उन्होनें कहा कि इलाके में ‘हस्तक्षेप’ के लिये संयुक्त अरब अमीरात में चार ड्रोन लॉन्च किये। अपने इस दावे को पुख़्ता बुनियाद देने के लिये उन्होनें कई सबूत भी पेश किये।
यूएई ने दावा कि वो ‘किसी भी तरह के बड़े संभावित खतरे से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार है और अपने संप्रभुत्व वाले इलाके की सुरक्षा के लिये सभी जरूरी उपाय कर रहा है। संघर्ष और पतन में घिरे इलाके में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिये यूएई की प्रतिष्ठा को बड़ा खतरा है। इस इलाके से कई स्थानीय लोगों ने एहतियतान अपने घर छोड़ दिये है।