एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने आज (24 जनवरी 2022) तड़के अबू धाबी को निशाना बनाये हुए दो बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic Missile Attacks) को रोक दिया। सरकारी समाचार एजेंसी ने अमीरात की राजधानी को निशाना बनाने के लिये छोड़ी गयी मिसाइल हमलों की जानकारी दी। बीते हफ्ते भी इसी तरह का हमला हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गयी थी और छह अन्य घायल हो गये थे।
ये मामला फारस की खाड़ी (Persian Gulf) में बढ़ते तनाव के बीच सामने आया, क्योंकि यमन के सालों के लंबे गृहयुद्ध ने खतरनाक मोड़ ले लिया है। अरब दुनिया के सबसे गरीब देशों में से यमन गृहयुद्ध (Yemen civil war) से तबाह हो गया है। साल 2011 में विद्रोह के बाद यमन में स्थिरता लाने वाली राजनीतिक प्रक्रिया की नाकामी में संघर्ष की जड़ें छिपी हुई हैं।
सऊदी की अगुवाई वाले गठबंधन के खिलाफ ईरानी समर्थित हूती विद्रोहियों (Iranian-backed Houthi rebels) को खड़ा करने वाला युद्ध क्षेत्रीय संघर्ष (Regional Conflict) में तब्दील हो गया है। सरकारी समाचार एजेंसी ने यूएई के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा कि, “अमीरात किसी भी खतरे से निपटने के लिये तैयार है और सभी हमलों से बचाने के लिये जरूरी उपाय कर लिये गये है।”
फिलहाल किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि ये हमला यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा अमीराती राजधानी पर हमले का दावा करने के एक हफ्ते बाद हुआ, जिसमें तीन भारतीय मारे गये और छह अन्य लोग घायल हो गये थे। सऊदी अगुवाई वाला गठबंधन जिसके तहत संयुक्त अरब अमीरात ने हाल ही में यमन को निशाना बनाकर हवाई हमले (Air Strike) किये।
इस हमले ने अरब दुनिया के सबसे गरीब देश को इंटरनेट से दूर कर दिया और डिटेंशन सेंटर में 80 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गयी। हूतियों ने उन हमलों को लेकर अमीरात और सऊदी अरब से बदला लेने की धमकी दी थी। बीते रविवार (23 जनवरी 2022) को सऊदी की अगुवाई वाले गठबंधन ने कहा कि हूती विद्रोहियों द्वारा की गयी बैलिस्टिक मिसाइल हमले में सऊदी अरब के जिज़ान इलाके में मिसाइलें गिरी, जिसमें एक विदेशी मामूली तौर पर घायल हो गया।
सऊदी अरब ने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान पर यमन के हूतियों विद्रोहियों को खासतौर से मिसाइलों और रॉकेटों को सैन्य मदद उपलब्ध करने का आरोप लगाया। दावा है कि तेहरान (Tehran) ने इससे इंकार कर दिया। मार्च 2015 में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा समर्थित सऊदी की अगुवाई वाले सैन्य गठबंधन ने संघर्ष कर हूती विद्रोहियों ने 2014 में यमन की राजधानी सना को कब़्जा कर लिया।