न्यूज़ डेस्क (ब्रिटेन): ब्रिटेन की एक अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि भगोड़े हीरे के व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को मुकदमे की सुनवाई के दौरान कहा है कि नीरव को भारत को सौपा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि नीरव के खिलाफ एक प्रथम दृष्टया मामला दर्ज किया गया है और उसे अब “भारत में जवाब देना होगा”। ये भी पढ़ें – सरकार ने Social Media, OTT और News Portal को विनियमित करने के लिए नियमों की घोषणा की
मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के माध्यम से लगभग 13,600 करोड़ रुपये के लेनदेन का आरोप है। घोटाला सामने आने के कुछ हफ्ते पहले जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में दोनों ने भारत छोड़ दिया था।
अपने आदेश में, लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने फैसला सुनाया कि मोदी ने “सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची”। न्यायाधीश ने कहा कि मुंबई के आर्थर रोड जेल में बैरक 12 मोदी के लिए फिट है और भारत में उनके प्रत्यर्पण के बाद उन्हें न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा। ये भी पढ़ें – सरकार ने Social Media, OTT और News Portal को विनियमित करने के लिए नियमों की घोषणा की
ब्रिटेन के प्रत्यर्पण न्यायाधीश ने नीरव मोदी की “मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं” को यह कहते हुए खारिज कर दिया हैं कि वे असामान्य नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि मोदी को जेल में पर्याप्त चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल दी जाएगी।
अदालत ने मोदी के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनके खिलाफ मामले को प्रभावित करने की कोशिश की।
गौरतलब है कि मोदी आपराधिक कार्यवाही के दो मामले दर्ज है। पहला, LoU या ऋण समझौतों की धोखाधड़ी से पीएनबी पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी से संबंधित सीबीआई का मामला है और दूसरा money laundering से सम्बंधित ED का है। ये भी पढ़ें – सरकार ने Social Media, OTT और News Portal को विनियमित करने के लिए नियमों की घोषणा की
हालांकि भगोड़े हीरा व्यापारी ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और ब्रिटेन की अदालत को बताया है कि LoUs प्राप्त करने के लिए कंपनियों के लिए मानक अभ्यास (standard practice) है।
जौहरी 19 मार्च, 2019 को स्कॉटलैंड यार्ड (Scotland Yard) द्वारा प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किए जाने के बाद से जेल में बंद है और जमानत मांगने के उसके प्रयासों को बार-बार ठुकरा दिया गया है।