एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) ने बीते रविवार (27 मार्च 2022) को कहा कि वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के साथ ‘बातचीत के लिये तैयार’ हैं। ज़ेलेंस्की ने कहा कि वो रूस से सुरक्षा गारंटी हासिल, तटस्थ रहने और खुद को परमाणु मुक्त राज्य घोषित करने के लिये तैयार हैं। हालांकि उन्होंने ये भी चेतावनी दी कि अगर वो नाकम होते हैं तो इसका मतलब ये होगा कि ये तीसरा विश्व युद्ध है।
ज़ेलेंस्की ने हाल के दिनों में बातचीत की मेज पर आने की लगातार गुज़ारिश की, क्योंकि यूक्रेन में हुआ रूसी हमला अपने पांचवें हफ़्ते की ओर बढ़ रहा है। बीते शनिवार (26 मार्च 2022) को पोस्ट किये गये एक वीडियो संदेश में, उन्होंने ‘बिना देर किये’ बातचीत का आह्वान किया, चेतावनी दी कि अगर ये नहीं हुआ तो रूस का नुकसान ‘बहुत बड़ा’ होगा।
तुर्की के इस्तांबुल (Istanbul) में दोनों देशों के प्रतिनिधि एक बार फिर शांति वार्ता के लिये आमने-सामने बैठेंगे। लेकिन राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि वो पुतिन की गैरवाज़िब मांगों के आगे झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर रूस डिमिलिट्रीराइजेशन की बात करता है, तो यूक्रेन वार्ता की मेज पर भी नहीं बैठेगा।
अभी तक रूस और यूक्रेन के बीच 28 फरवरी, 1 मार्च और 7 मार्च को शांति वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक सुलह का रास्ता नहीं मिल पाया है। आज (28 मार्च 2022) होने वाली बैठक से पहले, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन (Turkish President Recep Tayyip Erdogan) ने कहा है कि दोनों देश 6 में से 4 बिंदुओं पर सहमत हुए हैं, जिसमें यूक्रेन के नाटो (NATO) में शामिल नहीं होने की शर्त भी शामिल है।
बता दे कि नाटो मौजूदा वक़्त में 30 उत्तरी अमेरिकी (North American) और यूरोपीय देशों से बना सुरक्षा गठबंधन, साल 1949 में शीत युद्ध की शुरुआत के जवाब में इसे बनाया गया था। इसका मकसद पश्चिम को सोवियत संघ (Soviet Union) से पैदा हुए खतरे से बचाना था।
रूस ने यूक्रेन पर परमाणु और जैविक हथियार हासिल करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है। वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “ये मजाक है, हमारे पास परमाणु हथियार नहीं हैं। हमारे पास जैविक प्रयोगशालायें और रासायनिक हथियार नहीं हैं। यूक्रेन के पास ये चीजें नहीं हैं।”
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बयानों से य् भी लग रहा था कि यूक्रेन की सेना अब रूसी हमलों के सामने हिम्मत हार रही है क्योंकि हथियारों की कमी है। हाल ही में राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन रूस की मिसाइलों का मुकाबला शॉटगन और मशीनगन से नहीं कर सकता। टैंकों, बख्तरबंद वाहनों और खासतौर से जेट विमानों के बिना मारियुपोल (Mariupol) को बचाना मुमकिन नहीं है।