न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): केंद्र ने बीते मंगलवार (22 मार्च 2022) को बताया कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की 19,111.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली गयी है। वित्त राज्य मंत्री (MoS) पंकज चौधरी ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में ये ऐलान किया। पंकज चौधरी से पूछा गया कि क्या सरकार ने बैंकों का कर्ज चुकाये बिना विदेश फरार हुए व्यवसायियों की संपत्तियों को जब्त कर बैंकों को धनराशि वापस करने का प्रस्ताव दिया है या प्रस्ताव रखा है?
लिखित जवाब में मंत्री ने कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA- Prevention of Money Laundering Act) और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (एफईओए) में प्रावधान है कि विशेष अदालत मनी लॉन्ड्रिंग में आर्थिक अपराध की कोशिश में शामिल लोगों की संपत्ति या उनकी किसी तरह की मिल्कियत को किसी तीसरे पक्ष को बहाल कर सकती है। जिसमें बैंकों समेत अन्य वैध हितधारकों (legitimate stakeholders) के साथ ये वाज़िब दावेदारों को मिल सकती है।
वित्त राज्य मंत्री (MoS) पंकज चौधरी ने आगे कहा कि तीनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अपनी कंपनियों के जरिये चूना लगाया। नतीज़न 15 मार्च 2022 तक सार्वजनिक बैकों के कुल 22,585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 19,111.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गयी है, जिसमें से 15,113.91 करोड़ रुपये की संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बहाल कर दी गयी है।
इसके अलावा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 335.06 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है। उन्होनें आगे सदन को बताया कि- 15 मार्च, 2022 तक इन मामलों में कुल धोखाधड़ी (Fraud) वाले धन का 84.61 फीसदी अटैच या जब्त कर लिया गया और बैंकों को कुल नुकसान का 66.91 प्रतिशत पैसा बैंकों को सौंप दिया गया है या भारत सरकार उसे जब्त कर लिया है।
मंत्री ने ये भी जिक्र किया कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में बैंकों के संघ ने इस साल 15 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा उन्हें सौंपी गयी संपत्ति की बिक्री से 7,975.27 करोड़ रुपये की वसूली की है।