न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम तीन भूमिगत सुरंगों का निर्माण किया जाएगा जो उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नए घरों को नई संसद (Parliament) से जोड़ेगी। इसके अलावा, सुरंग (tunnel) सांसदों के कक्षों को भी संसद से जोड़ेगी, जो अभी निर्माणाधीन है।
सुरंगों से वीआईपी मूवमेंट (VVIP movement) आसान हो जाएगा और सुरक्षा व्यवधान भी कम होगा। TOI की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरंगों के सिंगल लेन होने की संभावना है और संसद भवन तक पहुंचने के लिए गोल्फ कार्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
विशेष रूप से, सेंट्रल विस्टा परियोजना (central-vista project) के तहत, दक्षिण ब्लॉक की तरफ एक नया पीएम हाउस (PM house) और पीएमओ (PMO) का निर्माण किया जाएगा। उपराष्ट्रपति के लिए नया निवास उत्तरी ब्लॉक की तरफ होगा। TOI की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन को संसद से जोड़ने के लिए सुरंग बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राष्ट्रपति को बार-बार संसद का दौरा नहीं करना पड़ता है।
सरकार ने सितंबर 2019 में राष्ट्र के पावर कॉरिडोर – सेंट्रल विस्टा को फिर से चालू करने की घोषणा की थी। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाला एक नया त्रिकोणीय संसद भवन बनाया जायेगा, जो एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय है साथ ही इस प्रोजेक्ट में राष्ट्रपति भवन से 3 किलोमीटर के राजपथ और इंडिया गेट के बीच पुनरुद्धार, नए प्रधानमंत्री आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय बनाना और एक नए Vice President एन्क्लेव बनाना भी शामिल है।
नई संसद में कार्य संचालित करने के लिए छह समिति कक्ष होंगे। सरकार ने विभिन्न स्थानों के अस्थायी स्थानांतरण के लिए मध्य दिल्ली में गोल मार्केट, केजी मार्ग, अफ्रीका एवेन्यू के पास और तालकटोरा स्टेडियम के पास चार स्थानों की पहचान की है।
यह अगस्त 2022 तक तैयार हो जाएगा, जब भारत 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। सरकार की योजना 2022 में संसद के मानसून सत्र को नए भवन में रखने की है।
पिछले साल दिसंबर में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी जहाँ लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में सदस्यों के लिए 384 सीटें होंगी।