न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): वित्त मंत्रालय ने COVID-19 महामारी के बीच 1 फरवरी को पेश होने वाला केंद्रीय बजट (Budget) 2021 के दस्तावेजों को न छापने का फैसला किया है।
इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है क्यूंकि स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब बजट 2021 पेपर पर नही प्रिंट किया जायेगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार को संसद के दोनों सदनों से समान अनुमति मिली है। ऐसा निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि मुद्रण प्रक्रिया में कई लोगों को कोरोनोवायरस आशंकाओं के बीच लगभग 15 दिनों के लिए प्रेस पर रहने की आवश्यकता होगी। बजट दस्तावेज आम तौर पर नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के इन-हाउस प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय बजट 2021 में कई सम्मेलनों को निःरस्त किया जा सकता है क्योंकि इस साल पारंपरिक ‘हलवा’ समारोह का आयोजन भी न होने की सम्भावना है या फिर समारोह समारोह कम लोगो के साथ आयोजित किया जा सकता है। यह समारोह, जो आम तौर पर 20 जनवरी के आसपास शुरू होता है, इसमें बजट बनाने वाले सभी लोग शामिल होते हैं, और छपाई की शुरुआत करते हैं।
एक बार प्रिंटिंग शुरू होने के बाद, प्रिंटिंग कर्मचारी बजट की प्रस्तुति तक प्रेस के अंदर रहते हैं। केवल कुछ उच्च रैंक वाले अधिकारियों को ही विशेष पहचान पत्र के आधार पर प्रिंटिंग प्रेस के अंदर प्रवेश की अनुमति है। संपूर्ण सुविधा, लोडिंग-अनलोडिंग और परिवहन, विशेष सुरक्षा बलों द्वारा संचालित होते हैं।
यह पहली बार नहीं है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा बजट पेश करने की परंपरा में बदलाव होगा। पिछले साल, सीतारमण ने एक ब्रीफ़केस में बजट पत्रों को ले जाने की औपनिवेशिक युग की परंपरा तोड़ते हुए बजट को एक लाल कपड़े में बांध कर संसद भवन में लाया गया था।