Union Budget 2022: मोदी सरकार तालिबान अधिकृत अफगानिस्तान को देगी 200 करोड़ रूपये

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): वित्तीय वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट (Union Budget) में अफगानिस्तान को मदद देने के तौर पर 200 करोड़ रुपये आवंटित किये। अफगानिस्तान ने पिछले साल अगस्त में तालिबान का अधिग्रहण देखा और तब से भारत ने दवाओं के रूप में अफगानिस्तान को मानवीय सहायता भेजी थी। फरवरी में भारत गेहूं की बहुप्रतीक्षित सहायता भेजने की उम्मीद कर रहा है क्योंकि नई दिल्ली और इस्लामाबाद योजना के तौर-तरीकों को औपचारिक देने के लिये तैयार हो चुके है। नई दिल्ली इस्लामाबाद की सहमति से पाकिस्तान के ज़मीनी रूट का इस्तेमाल करते हुए तालिबान अधिकृत अफगानिस्तान (Taliban-occupied Afghanistan) को ये मदद भेजेगा।

साल 2001 के बाद से अमेरिकी आक्रमण के बाद भारत इस क्षेत्र में अफगानिस्तान के सबसे बड़े सहायता समर्थक के रूप में उभरा था। भारत अफगान संसद (Afghan Parliament) और हेरात में अफगानिस्तान मैत्री बांध समेत देश में मेगा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल रहा है। लेकिन 200 करोड़ रुपये पर ये चालू वित्त वर्ष (Current Financial Year) में आवंटित 350 करोड़ रुपये के मुकाबले कम है, जिसमें 200 करोड़ रुपये का संशोधित आवंटन किया गया है।

मालदीव ने 360 करोड़ रुपये (बनाम 250 करोड़ रुपये), म्यांमार ने 600 करोड़ रुपये (बनाम 400 करोड़ रुपये), मंगोलिया ने 12 करोड़ रुपये (बनाम 2 करोड़ रुपये), बांग्लादेश ने 300 करोड़ रुपये (बनाम 200 करोड़ रुपये), भूटान 2266.24 करोड़ रुपये (बनाम 3004.95 करोड़ रुपये), नेपाल 750 करोड़ रुपये (992 करोड़ रुपये), सेशेल्स 14.06 करोड़ रुपये (बनाम 160 करोड़ रुपये) में वित्तीय मदद में इज़ाफा दर्ज किया। अगले वित्तीय वर्ष में नई दिल्ली द्वारा सहायता में कमी देखी गयी। 200 करोड़ रुपये में श्रीलंका और 900 करोड़ रुपये में मॉरीशस सहायता समर्थन के तहत कोई बदलाव नहीं देखा गया।

चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) पश्चिम में भारत की प्रमुख संपर्क परियोजना 100 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ बजट आवंटन में कोई बदलाव नहीं हुआ। घोषित बजट में अफ्रीका को आवंटन 250 करोड़ रुपये (बनाम 300 करोड़), यूरेशियन देशों में 140 करोड़ रुपये (बनाम 100 करोड़ रुपये), लैटिन अमेरिका को 40 करोड़ रुपये (कोई बदलाव नहीं) बजटीय प्रावधानों को तय किया गया था।

वित्त वर्ष 2022-2023 के लिये विदेश मंत्रालय का कुल बजट बढ़ाकर 17250 करोड़ रुपये कर दिया गया है (वित्त वर्ष 2020-21 में ये 14329 करोड़ रुपये था) विदेश मंत्रालय के तहत स्वायत्त निकाय (Autonomous body) भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR- Indian Council for Cultural Relations) के बजट में अगले वित्तीय वर्ष में 320 करोड़ रुपये (मौजूदा वित्तीय वर्ष में 300 करोड़ रुपये की तुलना में) में 20 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की गयी।

वीवीआईपी यात्रा के लिये एयर इंडिया (Air India) के विमान के रखरखाव लागत पर बजट आवंटन (Budget Allocation) की बात आती है तो कोई जानकारी फिलहाल मुहैया नहीं करवायी गयी है। चालू वित्त वर्ष में इसके लिये बजट 150 करोड़ रुपये था। दूतावासों और मिशनों के कामकाज के लिये आवंटित कुल धन 3769.06 करोड़ रुपये था, जो चालू वित्तीय वर्ष में 3240.07 रुपये से ज्यादा है। नालंदा और दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (Nalanda and South Asian University) में 200 करोड़ रुपये और 128 करोड़ रुपये का आवंटन देखा गया। प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) के उत्सव के लिये 10 करोड़ रुपये और “सीमाओं के सीमांकन” पर 2 करोड़ रुपये की राशि भी निर्धारित की गयी है।

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