बिजनेस डेस्क (राजकुमार): आखिरकर केंद्र सरकार बजट (Union Budget 2022) में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता दी, साथ ही इस पर 30 फीसदी के साथ भारी टैक्स लगाने का भी फैसला किया। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR-Income Tax Return) के मामले में राजस्व सचिव तरुण बजाज (Revenue Secretary Tarun Bajaj) ने कहा कि चूंकि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर टैक्स लगेगा, इसलिए आईटीआर फॉर्म में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) से होने वाली आय के लिये एक अलग कॉलम होगा।
उन्होंने आगे कहा कि, “अगले साल आईटीआर फॉर्म क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय के लिये एक अलग से कॉलम होगा और करदाताओं को डिजिटल करेंसी से होने वाली कमाई का पूरा खुलासा करना होगा। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर हमेशा टैक्स लगता है और बजट में जो प्रस्तावित किया गया है वो कोई नया टैक्स नहीं है बल्कि इस मुद्दे पर निश्चिंतता प्रदान करता है।”
वित्त विधेयक में प्रस्तावित प्रावधान आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों (Virtual Digital Assets) के टैक्सेशन से जुड़े हुए है। ये क्रिप्टोकरेंसी के टैक्सेशन (Taxation) के लिये निश्चिंतता लाने के लिये किया गया है। बड़ी बात ये है कि इसकी वैधता को लेकर अभी भी कुछ साफ नहीं है। जो विधेयक (ऐसी संपत्ति को विनियमित करने पर) पेश होने के बाद सामने आयेगा।
इसके अलावा केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2022 से 30 प्रतिशत का टैक्स लगायेगी, साथ ही उन लेनदेन पर सेस और सरचार्ज (Cess and Surcharge) भी लगायेगी जिनमें क्रिप्टोकरेंसी शामिल है क्योंकि केंद्र सरकार इसे जीतने या उपहार लेनदेन के बराबर ही मान रहा है। न सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी बल्कि एनएफटी पर भी 30 फीसदी टैक्स लगेगा।