न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार वाहन निर्माताओं के लिये उन वाहनों में कम से कम छह एयरबैग (Airbag) की पेशकश करना जरूरी करेगी, जिसमें आठ यात्री सवार हो सकते हैं। गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने ‘इंटेल इंडियाज सेफ्टी पायनियर्स कॉन्फ्रेंस 2022’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने की योजना का खुलासा किया। मंत्री के मुताबिक, देश भर में लगभग पांच लाख दुर्घटनाओं में लगभग 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि, “हमने मोटर वाहनों में कम से कम छह एयरबैग देना अनिवार्य करने का फैसला किया। हम लोगों की जान बचाना चाहते हैं।”
ये पहली बार नहीं है जब गडकरी यात्रियों के लिये अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं पर जोर दे रहे हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH- Minister of Road Transport and Highways) ने जनवरी में एक मसौदा अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया है कि 1 अक्टूबर, 2022 के बाद निर्मित श्रेणी M1 के वाहनों को डबल साइड/साइड टॉरसो एयरबैग (Side Torso Airbag) फिट किया जायेगा, एक-एक एयर बैग फ्रंट रो आउटबोर्ड सिटिंग में बैठने वाले मुसाफिरों के लिये होगा। आउटबोर्ड सिटिंग पोजिशन में बैठने वाले लोगों के लिये टू साइड कर्टेन/ट्यूब एयर बैग लगाया जाना जरूरी होगा।
आगे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि- “हमें सभी हितधारकों (ऑटोमोबाइल उद्योग सहित) से सहयोग की दरकार है। सभी वैश्विक ऑटोमोबाइल (Automobile) ब्रांड भारत में मौजूद हैं। ये देखते हुए कि सुरक्षित सड़कें बेहद अहम हैं” उन्होंने माना कि मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) को ज़मीनी स्तर पर लागू करना बड़ी चुनौती है। मंत्री ने दोहराया कि भारतीय सड़क ढांचा साल 2024 तक यूएसए (USA) के बराबर हो जायेगा।
पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री ने ये भी ऐलान किया था कि वो जल्द ही भारत एनसीएपी (NCAP) नामक एक नया कार मूल्यांकन कार्यक्रम (Car Appraisal Program) पेश करेंगे, जिसके तहत देश में ऑटोमोबाइल को क्रैश टेस्ट (Crash Test) में उनके प्रदर्शन के आधार पर ‘स्टार रेटिंग’ दी जायेगी। सिलसिलेवार ट्विट्स में उन्होनें कहा कि- भारत एनसीएपी उपभोक्ता-केंद्रित मंच के तौर पर काम करेगा, जो ग्राहकों को उनकी स्टार-रेटिंग की बुनियाद पर सुरक्षित कारों का विकल्प चुनने की मंजूरी देगा, साथ ही सुरक्षित वाहनों के प्रोडक्शन के लिये ये स्कीम देश में मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा।