नई दिल्ली (शौर्य यादव): केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने बीते सोमवार माना किपेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाकर 459 फीसदी ज़्यादा वसूली की गयी है। ये सब ऐसे वक़्त में हुआ जब घरेलू रसोई गैस, एलपीजी (LPG) की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। ईंधन की बढ़ती कीमतों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, लोकसभा में तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 1 मार्च 2014 को घरेलू गैस का खुदरा बिक्री में 14.2 किलोग्राम वाले सिलिंडर की कीमत 410.5 रुपये थी। इस महीने से सिलेंडर की कीमत 819 रुपये हो गयी है।
प्रधान ने आगे कहा कि घरेलू सब्सिडी वाले एलपीजी की कीमत बीते दिसंबर 2020 के दौरान 594 रुपये प्रति सिलेंडर थी। जिसे अब बढ़ाकर 819 रुपये कर दिया गया है। उन्होनें केरोसिन का उदाहरण देते हुए कहा कि, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से बेचा गया केरोसिन मार्च 2014 में 14.96 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर इस महीने 35.35 रुपये हो गया है। पिछले कुछ सालों में कीमतों में हुए छोटे-छोटे इज़ाफों ने रसोई गैस और साथ ही पीडीएस केरोसिन पर सब्सिडी को समाप्त कर दिया है। मौजूदा वक़्त में दिल्ली में पेट्रोल पर 91.17 रुपये और डीजल के 81.47 रुपये प्रतिलीटर हैं। स्थानीय बिक्री कर (वैट) के आधार पर राज्य इसकी अलग-अलग दरें है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें देश भर में उच्च स्तर (high level) पर हैं। सदन को अवगत कराते हुए धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार का पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल का कुल संग्रह 2016-17 में 2.37 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर जनवरी-अप्रैल के दौरान 2020-21 के दौरान 3.01 लाख करोड़ रुपये हो गया है। नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच सरकार ने वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले टैक्स नुकसान से बचने के लिए नौ मौकों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था।
केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सदन में पेश किये ये आंकड़े
- 2013 में दोनों ईंधनों (पेट्रोल डीजल) पर टैक्स 52,537 करोड़ रुपये था, जो 2019-20 में बढ़कर 2.13 लाख करोड़ रुपये हो गया।
- चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में ये बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपये हो गया।
- सरकार वर्तमान में पेट्रोल पर 32.90 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क (Excise duty) और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर वसूलती है।
- 2018 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 17.98 रुपये और डीजल पर 13.83 रुपये था।
- बीते 15 महीनों के दौरान पेट्रोल पर शुल्क 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया गया।
- सरकार ने अक्टूबर 2017 में उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की कटौती की थी, और एक साल बाद 1.50 रुपये की कटौती की।
- जुलाई 2019 में उत्पाद शुल्क 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया गया।
- मार्च 2020 में फिर से उत्पाद शुल्क में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।
- ठीक उसी साल मई महीने में, सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की।