Unity For Sewa: निस्वार्थ भाव और समर्पण की नयी मिसाल बनता यूनिटी फॉर सेवा

नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): Unity For Sewa: आज के भागदौड़ भरे माहौल में जहां दो पल किसी के लिये निकालना मुश्किल होता जा रहा है, वहीं स्वयंसेवी संगठन यूनिटी फॉर सेवा ना सिर्फ जरूरतमंद, बेसहारा और गरीब लोगों की मदद कर रहा है बल्कि उन तक पहुँचकर हर जरूरी चीज़ों मुहैया करवा रहा है। कोरोना के खतरे के बीच यूनिटी फॉर सेवा के स्वयंसेवक (Volunteer) बढ़ चढ़कर सेवा के कामों में हिस्सा ले रहे है।

ये संस्था को नौजवान युवाओं द्वारा चलायी जा रही है, जो कि अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा बचाकर लोगों तक मदद पहुँचाना चाहते है। हाल में इस संस्था ने बगैर किसी बाहरी सहायता के कई शानदार कामों को अंजाम दिया। जिसके तहत स्वयंसेवियों ने पंजाब, उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई कस्बों और गांवों में लोगों को सीधी मदद पहुँचायी। रोजगार खो बैठे जरूरतमंदों लोगों तक खाना और सूखा राशन पहुँचाने में यूनिटी फॉर सेवा के युवा स्वयंसेवियों ने दिन रात एक कर दिया।

Unity for Seva becomes a new example of service and dedication 01

सेवा के मकसद को मुहिम में बदलते हुए संस्था के युवा स्वयंसेवियों ने गरीब बच्चों में स्टेशनरी का सामान बांटा। जिन बच्चों के माता-पिता का रोजगार के कोरोना कारण छिन गया उन बच्चों की फीस का इंतज़ाम भी करवाया गया ताकि कोरोना के कारण हुए अंधेरे में बचपन अशिक्षा में ना खो जाये। इसके साथ ही कई पिछड़े इलाकों में महिलाओं के बीच साफ सफाई की अलख जगाते हुए संस्था के स्वयंसेवियों ने सैनटरी पैड्स और सेनेटाइजेशन किट्स (Sanitary pads and sanitization kits) बांटकर जागरूकता अभियान चलाया।

संस्था का मूलमंत्र है, जरूरतमंद तक इस तरह मदद मुहैया करवाना ताकि वो अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सके। इसी मुद्दे पर संस्था के अंकुर मोहन शर्मा ने बताया कि- यूनिटी फॉर सेवा में हम उन लोगों के बीच उम्मीद को रौशनी बांटते है, जो खुद बेसहारा महसूस करते है। हमारा मकसद सिर्फ इतना ही है कि हम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सके। आखिर जीना इसी का नाम है।

इस मौके पर संस्था से लंबे समय से जुड़े सुभाष कुमार ने कहा कि- हमें इंसान कहलाने का हक़ तब ही है, जब दूसरे के दर्द और तकलीफ़ों को खुद में महसूस कर सके। किसी को अभावों में टूटते हुए देखकर हम मुंह नहीं मोड़ सकते है। इंसानियत की नुमाइन्दगी (Representation Of Humanity) करने के लिये हमें आगे आना ही होगा। इसीलिये हमारे युवा स्वयंसेवी जरूरतमंदों तक फरिश्तों की तरह पहुँचते है और उनके चेहरे मुस्कान लाकर अपने मकसद को पूरा करने की भरपूर कोशिश करते है। इंसानियत की राह पर हर छोटी कोशिश बड़े मायने रखती है। 

यूनिटी फॉर सेवा से जुड़े से स्वयंसेवी प्रशांत कौशल दावा करते है कि जबसे वो इस संस्था से जुड़े है, तब से उन्हें खुद में एक खास किस्म में संतुष्टि महसूस होती है। उन्होनें कहा कि जब भी हम किसकी मदद के लिये हाथ आगे बढ़ाते है तो हमारे हौंसले सातवें आसमान पर होते है और हमारे स्वयंसेवियों की आंखों में आत्मविश्वास की चमक  (Glow Of Confidence) होता है। यहीं वो चीज़ जो हमें आगे बढ़ने की हिम्मत देती है। हम खुद एक दूसरे की पीठ थपथपाकर शाबाशी देते है, वाकई हमें लगता है कि जैसे हमारा दिन बन गया हो।

इसी क्रम में 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संस्था के युवा स्वयंसेवियों ने समाज के लिये छोटा सा योगदान करते हुए साफ सफाई की आदतों को लेकर जागरूकता मुहिम चलायी। जिसके तहत जरूरतमंद महिलाओं में स्वच्छता किट बांटी गयी। जिससे कि उन्हें महावारी के दौरान होने वाले संक्रमण (Infection During Menstruation) के खतरों से बचाया जा सके। इस मौके पर संस्था की महिला स्वयंसेवियों मोहिनी, शताब्दी सरकार और गुंजन शर्मा ने इस मुद्दे पर काफी तफ्सील महिलाओं को जानकारी दी। साथ ही अन्य स्वयंसेवी राकेश कुमार, अनिल कुमार और रोहित कपूर ने भी इस कार्यक्रम को कामयाब बनाने में अपना पूरा योगदान दिया।

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