न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt.) के निर्देश के बाद बीते बुधवार (27 अप्रैल 2022) शाम तक धार्मिक स्थलों से करीब 11,000 लाउडस्पीकर हटा दिये गये। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के विभिन्न धार्मिक स्थलों से कुल 10,923 लाउडस्पीकरों को हटा दिया गया और बुधवार शाम चार बजे तक सरकारी नियम कायदों के तहत 35,221 लाउडस्पीकरों धार्मिक स्थलों से हटा लिया गया।
राज्य के गृह विभाग के मुताबिक ये कार्रवाई चार आयुक्तालयों लखनऊ, कानपुर, गौतमबुद्धनगर (Gautam Budh Nagar), वाराणसी समेत आगरा, मेरठ, बरेली, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी राज्य के आठ इलाकों में की गयी, जहां लाउडस्पीकरों को हटा लिया गया। गृह विभाग के मुताबिक अब तक सबसे ज़्यादा लाउडस्पीकर लखनऊ (Lucknow) धार्मिक स्थलों से हटवाये गये जिनकी तादाद 7,397 है। सबसे कम लाउडस्पीकर 2,395 उतारे गये। इसके बाद गोरखपुर और वाराणसी (Gorakhpur and Varanasi) इलाके इस फेहरिस्त में आते है।
बीते बुधवार को गृह विभाग ने पुलिस को राज्य भर के धार्मिक स्थलों और शोर सीमा मानकों का उल्लंघन करने वाले पर लाउडस्पीकरों को हटाने के लिये कहा। राज्य में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश 24 अप्रैल को जारी किया गया था। इस संबंध में सभी जिलों से 30 अप्रैल तक अनुपालन रिपोर्ट (Compliance report) मांगी गयी है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने 21 अप्रैल को निर्देश दिया कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर जोर से न बजाये जाये और आवाज केवल परिसर के भीतर तक ही सीमित होनी चाहिये। माइक्रोफोन नहीं लगाए जाने चाहिये और धार्मिक स्थलों पर किसी भी नये लाउडस्पीकर को मंजूरी नहीं दी जायेगी।
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट के जून 2005 के आदेश में कहा गया है कि रात 10.00 बजे के बाद सार्वजनिक रूप से लाउडस्पीकरों और म्यूजिक सिस्टम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा और सुबह 6.00 बजे (सार्वजनिक आपात स्थिति के मामलों को छोड़कर) इसकी मनाही रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये बात ऐसे इलाकों में रहने वाले निवासियों की सेहत पर ध्वनि प्रदूषण के गंभीर प्रभावों का हवाला देते हुए कहीं।
गौरतलब है कि लाउडस्पीकर का मुद्दा तब से जोर पकड़ रहा है जब मनसे प्रमुख राज ठाकरे (MNS chief Raj Thackeray) ने 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया।