न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt.) ने आगामी एक जुलाई से कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को फिर से खोलने के फरमान जारी कर दिये है। योगी सरकार ने ये फैसला प्रदेश में घट रहे कोरोना संकट के मद्देनज़र लिया। हालांकि ये फरमान सिर्फ यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिये है। इस दौरान स्कूल सिर्फ शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रशासनिक कामों के लिये खोला जायेगा।
प्रदेश सरकार के अगले आदेशों तक किसी भी छात्र को स्कूल में आने की इज़ाजत नहीं दी जायेगी। यूपी सरकार ने स्कूलों में इसके साथ ही स्कूलों में शिक्षकों के शिक्षण कार्य (Teaching Job) पर प्रतिबंध जारी रहेगा। फिलहाल कक्षा 9वीं से 12 वीं तक के छात्रों के लिए कोई फैसला नहीं लिया गया है।
राज्य में सीबीएसई और सीआईएससीई स्कूलों को खोलने के लिये स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) फैसला लेगी। 1 जुलाई से शिक्षकों और प्रशासनिक अमले को स्कूल परिसर में बुलाया जाये या नहीं, इस मसले पर एसएमसी ही फैसला ले सकती है।
UP Govt. के निर्देशों पर शिक्षक करेगें ये काम
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग (यूपीबीईबी) के सचिव प्रताप सिंह बघेल द्वारा जारी आदेश के मुताबिक शिक्षक छात्र नामांकन, मध्याह्न भोजन योजना के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता (Food Security Allowance) वितरण और नि:शुल्क पुस्तकों के वितरण से जुड़े काम ही कर पायेगें। स्कूलों को नये शैक्षणिक सत्र के दौरान दाखिला करने और मेंटेनेंस का काम करने की इज़ाजत होगी। शिक्षकों को स्कूलों से ऑनलाइन कक्षायें संचालित करने के लिए कहा गया है।
साथ ही बेसिक शिक्षा परिषद ने मध्याह्न भोजन के लिये स्वीकृत राशि सीधे छात्रों या उनके अभिभावकों के खाते में जमा करने का फैसला किया ताकि स्कूल बंद होने के कारण छात्र पोषण से वंचित न रहें। पड़ोसी राज्यों दिल्ली और हरियाणा ने अभी तक ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। हरियाणा सरकार ने गर्मी की छुट्टियां 30 जून तक बढ़ा दी है, जबकि दिल्ली सरकार ने अगले आदेश तक स्कूलों को बंद रखने का निर्णय किया।