न्यूज डेस्क (निकुंजा राव): उत्तर प्रदेश की दहलीज पर पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) दस्तक दे रहे हैं। इस बार होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों का रिजर्वेशन और बंटवारा 2015 के मुकाबले अलग होगा, यानि कि इस साल होने वाले चुनाव में उन सीटों को सामान्य वर्ग की श्रेणी में कर दिया गया है। जो कि साल 2015 में आरक्षित वर्ग के लिए थी। पंचायती चुनावों की सीटों के आरक्षण और आंबटन में इन बदलावों को उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने किया। जिसके लिए पंचायती राज विभाग ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच फैसले का अनुसरण करते हुए बीते बुधवार देर रात इस मामले पर शासनादेश (Government Order) जारी किया।
पंचायती राज विभाग द्वारा जारी शासनादेश के मुताबिक इस साल 11 फरवरी को पंचायती चुनाव की सीटों और पदों के लिए जारी किये गये सरकारी आदेश को निरस्त किया जाता है। जिसके बदले जारी इस नये शासनादेश जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 75, ग्राम प्रधान पद के लिए 58194 और ब्लाक प्रमुख पद के लिए 826 पदों में रिजर्वेशन की व्यवस्था लागू की जायेगी। उत्तर प्रदेश में इन सभी पदों के लिए आरक्षण की व्यवस्था तीनों श्रेणियों (SC, ST और OBC) के तहत जनसंख्या के अनुपात और अधिकृत पदों के अनुसार की जायेगी। इसके तहत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी, महिलाओं को 33 प्रतिशत और अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 23 प्रतिशत का आरक्षण पदों के लिए किया जायेगा।
सरकारी आदेश में रोटेशन पॉलिसी को लेकर काफी विस्तृत जानकारी दी गई है। 2015 में जो पंचायती सीटें एससी एसटी ओबीसी के लिए रिजर्व थी, अब उन्हें महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगी। ठीक इसी तरह 2015 में जो पंचायती चुनावों की सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थी, अब उन्हें एससी, एसटी और ओबीसी के लिए रिर्जव किया जायेगा। आरक्षण के बाद बची सीटों को बढ़ते क्रम में लगातार उन्हें सामान्य वर्ग की श्रेणी के प्रत्याशियों को आंबटित किया जायेगा। इन दौरान खास ध्यान उन सीटों का रखा जायेगा, जो कि 2015 में महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं थी। अब उन्हें महिलाओं के लिए रिजर्व किया जायेगा। गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष (District Panchayat President) पद के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में भी महिलाओं के लिए अतिरिक्त आरक्षण रहेगा।