START Treaty से रूस से पीछे हटने के बाद अमेरिका ने किया परमाणु डेटा साझा ना करने का फैसला

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): START Treaty: संयुक्त राज्य अमेरिका ने बीते मंगलवार (28 मार्च 2023) को कहा कि वो रूस के साथ अपने परमाणु बलों को लेकर डेटा साझा नहीं करेगा। व्हाइट हाउस (White House) के मुताबिक, ये कदम मॉस्को की ओर से नई START परमाणु हथियार संधि में अपनी भागीदारी को सस्पेंड करने की प्रतिक्रिया के तौर पर उठाया गया है।

रणनीतिक संचार के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी (John Kirby) ने मीडिया से कहा कि चूंकि रूस इस संधि से जुड़े नियमों का पूरी तरह पालन नहीं रहा है और डेटा साझा करने से इनकार कर दिया है, जिसे हम … न्यू START में द्विवार्षिक रूप से साझा करने के लिये सहमत हुए हैं, इसीलिये हमने उसी तरह उस डेटा को साझा नहीं करने का फैसला किया।”

उन्होंने कहा कि “वाशिंगटन (Washington) ऐसा करने में सक्षम होना पसंद करेगा (यह) लेकिन इसके लिए उन्हें (रूस) भी तैयार होने की जरूरत है।” राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका अगर पाता है कि संधि से जुड़े दायित्वों को लागू करने के लिये रूस ढीला पड़ रहा है तो अमेरिका भी ठीक उसी तरह की ज़वाबी कार्रवाई करने के लिये स्वतंत्र रहेगा। इसी के तहत वाशिंगटन को नई START संधि को लेकर रूसी पक्ष से हो रहे उल्लंघन का जवाब देने का अधिकार है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “इसका मतलब ये है कि रूस (Russia) की ओर से नई START संधि के सस्पेंशन का दावा कानूनी रूप से अमान्य है, रूस के उल्लंघनों के जवाब में अमेरिका (America) भी कानूनी रूप से द्विवार्षिक डेटा अपडेट को रोकने जाने की मंजूरी है।”

अब जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) औपचारिक रूप से नई START संधि से पीछे नहीं हटे हैं, उनका 21 फरवरी का निलंबन अमेरिका-रूसी हथियार नियंत्रण के अंतिम स्तंभ को बड़े खतरे में डालता है। बता दे कि दोनों देशों के पास दुनिया के परमाणु शस्त्रागार का लगभग 90 फीसदी हिस्सा है।

गौरतलब है कि इस संधि पर साल 2010 में हस्ताक्षर किए गए थे और ये साल 2026 में खत्म होने वाली थी। नई START संधि के द्विवार्षिक डेटा एक्सचेंज के तहत, दोनों देशों को स्ट्रैटजिक डिस्ट्रीब्यूशन व्हीकल्स, लॉन्चरों और वॉरहेड्स की तैनाती के बारे में एक दूसरे को बताने की अनिवार्यता थी। इसके साथ ही दोनों मुल्कों ने 1,550 से ज्यादा रणनीतिक परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) को 700 भूमि और सबमरीन बेस्ड मिसाइलों और बमवर्षकों में तैनात कर रखा है।

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